बरेली: तहसील सदर के पेंशन बाबू ने दबाई विवाह अनुदान की 596 फाइलें

बरेली, अमृत विचार। मंडल प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद लक्ष्मी नारायण चौधरी ने 13 जून को कलेक्ट्रेट सभागार में करीब 4 घंटे तक मंडलीय समीक्षा बैठक की, जिसमें जिलाधिकारी को स्पष्ट रूप से कहा कि तहसीलों में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाएं। ऐसे बाबुओं को चिह्नित करें जो सरकारी …
बरेली, अमृत विचार। मंडल प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद लक्ष्मी नारायण चौधरी ने 13 जून को कलेक्ट्रेट सभागार में करीब 4 घंटे तक मंडलीय समीक्षा बैठक की, जिसमें जिलाधिकारी को स्पष्ट रूप से कहा कि तहसीलों में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाएं। ऐसे बाबुओं को चिह्नित करें जो सरकारी योजनाओं के आवेदनों को लंबे समय तक दबाए रहते हैं। चिह्नित कर रिपोर्ट भी भेजने के लिए कहा था, लेकिन तहसीलों की स्थिति सुधर नहीं रही है।
5 जुलाई को राजस्व परिषद की आयुक्त मनीषा त्रिघाटिया ने चिट्ठी भेज बरेली जनपद में आय, जाति और निवास प्रमाणपत्रों के करीब 17 हजार आवेदनों के लंबित पाए जाने पर नाराजगी जताई है। संबंधित अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब कर परिषद को उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है। अब तहसील सदर के पेंशन बाबू के फाइलें दबाने का मामला खुला है। विवाह अनुदान योजना की 596 फाइलों के लंबित रहने का इशारा भ्रष्टाचार की ओर से ले जा रहा है।
इस योजना में शादी के बाद नवविवाहिता को 51 हजार रुपये की धनराशि मिलती है। इतना ही नहीं, पेंशन बाबू वृद्धावस्था, विधवा और पारिवारिक लाभ योजना के करीब 1500 से अधिक आवेदनों को दो से तीन साल से दबाए बैठे हैं। पूर्व में तैनात रहे तहसीलदारों ने पेंशन बाबू क्या कर रहा है, उसकी टेबल पर झांका तक नहीं। कुछ दिन पहले तहसीलदार सदर पद पर स्थायी नियुक्ति होने के बाद अनिल कुमार यादव ने पटलों की समीक्षा शुरू की। जिसमें पेंशन बाबू की टेबल का यह कारनामा खुलकर सामने आया है।
1500 आवेदन वृद्धावस्था, विधवा व पारिवारिक लाभ योजना के लंबित
बरेली। तहसीलदार सदर अनिल कुमार यादव ने पेंशन बाबू भानु प्रताप सिंह को 6 जुलाई को चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने कहा कि 6 को ही पेंशन लिपिक पटल की समीक्षा की गई। जिसमें विवाह अनुदान के 596 आवेदन डैश बोर्ड पर लंबित पाए गए। वृद्धावस्था के 671, विधवा पेंशन के 368 व पारिवारिक लाभ योजना के मिलाकर कुल 1500 आवेदन पोर्टल पर लंबित हैं। यह दो से तीन वर्षों से लंबित हैं।
पेंशन लिपिक का कार्य चार साल से देख रहे हैं। आपसे पारिवारिक लाभ योजना के लंबित आवेदनों का डैश बोर्ड प्रिंट मांगा गया तो आपके द्वारा यह लिखकर दिया गया कि पारिवारिक लाभ योजना की सूची बेवसाइट पर प्रदर्शित होती है। डैश बोर्ड नहीं दिखता है। विगत चार वर्षों से उक्त प्रार्थनापत्र के लंबित रहने का कोई औचित्य नहीं है। मेरे द्वारा बार-बार समीक्षा किए जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है।
राजस्व निरीक्षक ने तहसीलदार से कहा, आवेदन पत्रों की नहीं हुई है जांच
राजस्व निरीक्षक ने तहसीलदार सदर से पेंशन लिपिक के मामले में यह शिकायत की कि हमें वृद्धावस्था, विधवा व पारिवारिक लाभ योजना के आवेदनों का प्रिंट निकालकर समय पर नहीं दिया जाता है जिसकी वजह से उक्त आवेदन पत्रों की जांच नहीं की गई। राजस्व निरीक्षक ने यह भी अवगत कराया कि पेंशन लिपिक को बार-बार हम लोगों द्वारा व्यक्तिगत संपर्क करने पर मांगा जाता है कि आवेदन हमको दे दिए जाएं लेकिन पेंशन बाबू द्वारा आवेदन उपलब्ध नहीं कराए।
इन बिंदुओं पर पेंशन बाबू का लिखित स्पष्टीकरण तलब
तहसीलदार सदर ने पेंशन बाबू भानु प्रताप सिंह से लिखित स्पष्टीकरण तलब करते हुए पूछा है कि आवेदन पत्र अभी तक पोर्टल पर क्यों लंबित हैं। लंबित रहने का क्या कारण है। राजस्व निरीक्षक को समय से प्रिंट निकालकर क्यों नहीं दिए गए। आपने स्वयं अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की। बुलाए जाने पर आप आते नहीं हैं। उपरोक्त बिंदुओं पर दो दिन के अंदर अपना लिखित स्पष्टीकरण दें।
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