मुरादाबाद : प्राथमिक स्कूल खुलने में 10 दिन शेष, नहीं बदली सूरत

मुरादाबाद : प्राथमिक स्कूल खुलने में 10 दिन शेष, नहीं बदली सूरत

मुरादाबाद,अमृत विचार। नगरीय क्षेत्र के जर्जर स्कूलों की सूरत अभी भी नहीं बदली है, जबकि परिषदीय विद्यालयों के ग्रीष्मावकाश के बाद खुलने में अब सिर्फ दस दिन बचे हैं। 16 जून को स्कूलों को खुलने से पहले खुद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन दिन में 16 स्कूलों का निरीक्षण कर उनकी दशा सुधारने का …

मुरादाबाद,अमृत विचार। नगरीय क्षेत्र के जर्जर स्कूलों की सूरत अभी भी नहीं बदली है, जबकि परिषदीय विद्यालयों के ग्रीष्मावकाश के बाद खुलने में अब सिर्फ दस दिन बचे हैं। 16 जून को स्कूलों को खुलने से पहले खुद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीन दिन में 16 स्कूलों का निरीक्षण कर उनकी दशा सुधारने का निर्देश दिया। लेकिन कार्यदायी संस्था की लापरवाही अभी भी जारी है।

ग्रीष्मावकाश में नगरीय क्षेत्र के परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों की खस्ताहाली को दूर कराने के लिए खुद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्ध प्रिय सिंह ने 26 मई से लेकर तीन दिन तक लगातार निरीक्षण किया था। इसमें प्राथमिक विद्यालय मुफ्ती टोला, प्रा.वि. कन्या बाग का स्कूल भवन जर्जर था। प्राथमिक विद्यालय असालतपुरा में जगह की कमी को देखते हुए बीएसए ने खाली जगह पर टिन शेड लगाने का निर्देश दिया था। वहीं, प्राथमिक विद्यालय कटघर का खुद का भवन ही नहीं था। यहां कक्षाएं पास के ही एक मदरसे की छत संचालित होती थीं।

प्राथमिक विद्यालय गाड़ीखाना मंदिर परिसर में संचालित होता है, लेकिन यहां भी स्कूल के लिए अभी तक कमरे नहीं बने हैं। बीएसए ने दोबारा मंदिर प्रबंधन को निर्माण कराने के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। प्राथमिक विद्यालय किसरौल में कमरे की छत का लिंटर क्षतिग्रस्त होने और कंपोजिट ग्रांट से मरम्मत न कराने पर बीएसए ने नाराजगी जताई थी। प्राथमिक विद्यालय भदौरा डबल फाटक पुल के नीचे एक ही कमरे में संचालित होने की जानकारी मिली थी।

प्राथमिक विद्यालय गलशहीद के छात्र छात्राओं को निकटवर्ती प्राथमिक विद्यालय मकबरा में शिफ्ट करने और प्राथमिक विद्यालय मानपुर नारायणपुर का भवन खस्ताहाल है और बारिश में इसका अधिकांश हिस्सा टपकता है। इसके जीर्णोद्धार कराने की जरूरत पर खुद बीएसए ने दिया था। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को नगर क्षेत्र के 48 स्कूलों को आपरेशन कायाकल्प में शामिल कर जीर्णोद्धार कराने की मंशा भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई। क्योंकि इनके जीर्णोद्धार का कार्य ही नहीं शुरु हुआ है।

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