पीलीभीत: लेखपाल की कार ने बुजुर्ग को रौंदा...मौत के बाद भीड़ ने हंगामा कर लगाया जाम

पीलीभीत, अमृत विचार। सड़क हादसे में एक ग्रामीण की मौत और एक अन्य बुजुर्ग के गंभीर रूप से घायल होने के बाद भीड़ भड़क उठी। पहले कार चालक लेखपाल की पिटाई की गई। पुलिस ने बमुश्किल उसे निकाला। फिर चौकी पुलिस पर लापरवाही और कार चालक को बचाने का आरोप लगाते हुए भीड़ ने माधोटांडा पीलीभीत मार्ग पर जाम लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी।
चौकी इंचार्ज के निलंबन और कार चालक लेखपाल पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। ये भी आरोप लगाया कि लेखपाल व कार में सवार अन्य दो लोग भी नशे की हालत में थे। सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से कहासुनी हुई। करीब दो घंटे की वार्ता के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को शांत कराया जा सका।
हादसा पीलीभीत-माधोटांडा रोड पर कल्यानपुर गांव के पास हुआ। गजरौला थाना क्षेत्र के ग्राम ढेरम मडरिया के रहने वाले महेंद्र कुमार (55) पुत्र डोरीलाल रविवार देर शाम बाइक से कल्यानपुर बाजार से घरेलू सामान की खरीदारी करने जा रहे थे। उधर, इसी बाजार में खरीदारी करने के लिए घनश्याम (54) पुत्र नारायनलाल भी साइकिल से जा रहे थे। इधर, कार में सवार होकर लेखपाल गजेंद्र पुत्र योगेंद्र पीलीभीत से माधोटांडा की तरफ जा रहे थे। बताते हैं कि कल्यानपुर गांव से 200 मीटर पहले मार्ग पर पहुंचते ही लेखपाल की कार ने पहले घनश्याम और फिर कुछ ही दूरी पर महेंद्र को भी टक्कर मार दी।
इसके बाद कार अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई। हादसे के बाद भीड़ जमा हुई। सूचना मिलने पर रिछौला चौकी इंचार्ज मनोज कुमार पुलिस बल के साथ पहुंच गए। आनन-फानन में घायल घनश्याम को एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। वहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इधर, एकत्र हुई भीड़ ने कार चालक लेखपाल की पिटाई कर दी। आरोप था कि लेखपाल नशे की हालत में कार चला रहा था। कार में बीयर की केन भी रखी हुई थी। पुलिस ने लेखपाल को भीड़ से निकालकर घायल हालत में मेडिकल कॉलेज भेज दिया।
इधर, महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। जिससे भीड़ और गुस्सा गई। ये आरोप लगाया कि चौकी इंचार्ज ने सिर्फ एक ही घायल को अस्पताल भिजवाया, जबकि महेंद्र ने मौके पर ही इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। पुलिस आरोपी कार सवार लोगों को बचाने में लगी रही। दोनों ग्रामीणों के परिवार वाले भी आ गए। इसके बाद भीड़ ने घटनास्थल पर ही जाम लगा दिया। आवागमन रोकने के लिए लकड़ी के ढेर आदि मार्ग पर बिछा दिए। चौकी इंचार्ज के निलंबन और कार चालक लेखपाल पर सख्त कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।
पुलिस ने महेंद्र का शव उठाने का प्रयास किया तो भीड़ पुलिस से भिड़ गई। हंगामे की सूचना पर एसडीएम सदर आशुतोष गुप्ता, सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी, सीओ सदर विधि भूषण पांडेय मौके पर पहुंच गए। गुस्साई भीड़ को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन कई तीखी नोंकझोंक हुई। करीब दो घंटे बाद मांगों को लेकर सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को शांत कराया जा सका। फिर पुलिस ने महेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
विरोध को देख बढ़ता चला गया मौके पर फोर्स, वाहन किए डायवर्ट
भीड़ का आक्रोश इतना था कि वह मौके पर मौजूद अधिकारियों से भी कई बार तीखी नोकझोंक करते रहे। काफी देर बाद भी जब मामला शांत नहीं हुआ तो वाहनों को डायवर्ट कर लिंक मार्गों से गुजारना शुरू कर दिया गया। इधर, पुलिस लाइन क्यूआरटी, दमकल टीम समेत चार से पांच थानों की पुलिस भी बुला ली गई। चंद मिनट बाद ही हादसास्थल छावनी में तब्दील हो गया।
महेंद्र के परिवार में मचा कोहराम
कार की टक्कर से जान गंवाने वाले महेंद्र ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। उनके दो पुत्र प्रेमशंकर व रामलखन है। इसके अलावा एक पुत्री गुड़िया है। पत्नी देवकी देवी है। जैसे ही परिवार को हादसे में मौत की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया। एक तरफ हादसे को लेकर आक्रोश था तो वहीं, परिवार वालों का रोकर बुरा हाल रहा। परिचित और रिश्तेदार ढांढस बंधाने में जुटे रहे। उधर, गंभीर रुप से घायल घनश्याम की हालत नाजुक बनी हुई है। उनके परिजन भी कार चालक लेखपाल पर सख्त कार्रवाई की मांग करते रहे।