रुद्रपुर: तीर्थयात्रियों पर लूट के फर्जी आरोप, आधी रात तक हंगामा

रुद्रपुर, अमृत विचार। शुक्रवार की रात वैष्णो देवी की यात्रा से लौट रहे एक यात्री दल को हल्द्वानी डिपो की बस में आना महंगा पड़ गया। बस परिचालक ने तीर्थयात्रियों के साथ जमकर अभद्रता की। यात्रियों ने विरोध किया तो उसने तीर्थयात्रियों पर मारपीट व लूट का आरोप लगाते हुये बस को रोडवेज बस स्टेशन …
रुद्रपुर, अमृत विचार। शुक्रवार की रात वैष्णो देवी की यात्रा से लौट रहे एक यात्री दल को हल्द्वानी डिपो की बस में आना महंगा पड़ गया। बस परिचालक ने तीर्थयात्रियों के साथ जमकर अभद्रता की। यात्रियों ने विरोध किया तो उसने तीर्थयात्रियों पर मारपीट व लूट का आरोप लगाते हुये बस को रोडवेज बस स्टेशन में लाकर खड़ा करा दिया। यात्रियों की सूचना पर पुलिस पहुंची तो बस चालक व परिचालक दोनों ही यात्रियों से कथित तौर पर लूटे गये रुपयों की मांग करने लगे। बाद में पुलिस दोनों पक्षों को चौकी में ले गई। टिकट मशीन को चालक के कब्जे से बरामद किया गया। तकरीबन चार घंटे तक चले हंगामे के बाद बस रवाना हुई।
शुक्रवार को अल्मोड़ा क्षेत्र के तीर्थयात्रियों का 31 सदस्यीय दल मां वैष्णो देवी की यात्रा से लौट रहा था। ये लोग दिल्ली तक ट्रेन से आये। दिल्ली से इन तीर्थयात्रियों ने हल्द्वानी डिपो की बस संख्या यूके-04पीए/1635 में सवार हुये। आरोप है कि बस चालक व परिचालक दोनों ने ही रास्ते में कहीं पर शराब पी। इसके बाद चालक बस को अनियंत्रित ढंग से चलाने लगा।
इस पर तीर्थयात्रियों ने टोका टोकी की तो परिचालक ने तीर्थयात्रियों से गाली गलौज शुरू कर दी। इतना ही नहीं सबक सिखाने की बात कहते हुये चालक ने शुक्रवार शाम करीब सात बजे बस रुद्रपुर डिपो स्टैंड में लाकर खड़ी कर दी। तीर्थयात्रियों के साथ ही दूसरे यात्रियों ने बस भरी होने का हवाला देते हुये इसका विरोध किया तो परिचालक ने स्वयं की शर्ट फाड़ दी और यात्रियों पर मारपीट कर कैश व टिकट मशीन लूटने का आरोप लगाते हुये पुलिस को सूचना दे दी।
सबसे पहले सीपीयू टीम पहुंची, बाद में चीता, आदर्श कॉलोनी व बाजार चौकी पुलिस भी रोडवेज परिसर में पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने बस कंडक्टर को समझाने का प्रयास किया लेकिन कंडक्टर कथित तौर पर लूटी गई रकम यात्रियों से मांग रहा था। मामला बढ़ता देख पुलिस दोनों पक्षों को चौकी में ले गई। इसी बीच पुलिस ने बस में जाकर दूसरे यात्रियों से पूछताछ की तो पता चला कि टिकट मशीन चालक के पास है। पुलिस ने चालक से मशीन बरामद कर ली। बाद में दोनों पक्षों में समझौता करा दिया लेकिन तब तक रात के 11 बज चुके थे।
बच्चे होते रहे परेशान, लेकिन नहीं पसीजा चालक-परिचालक का दिल
रुद्रपुर। तीर्थयात्रियों के साथ बस में करीब 60 सवारियां भरी हुई थी। बताया जा रहा है कि एक बस रास्ते में खराब हो गई थी। उस बस की सवारियां भी इसी बस में शिफ्ट कर दी गई थीं। इसके चलते बस में सवारियां स्टैंडिंग थी, इसके बाद भी चालक-परिचालक ने मनमानी दिखाई। बस में छोटे-छोटे बच्चे थे लेकिन इसके बाद भी चालक-परिचालक ने मनमानी दिखाते हुये तीर्थयात्रियों पर लूटपाट का झूठा आरोप लगाया और मामले को पुलिस तक ले गया। देर रात तक तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आधे टिकट को लेकर उपजा था विवाद
रुद्रपुर। बताया जा रहा है कि तीर्थयात्रियों के साथ एक बच्चा था। इस बच्चे का उन्होंने आधा टिकट लिया लेकिन परिचालक उसका पूरा टिकट बनाने पर अड़ा था। बच्चे के माता-पिता ने उसका आधार कार्ड दिखा दिया, इसमें उसकी उम्र पांच साल से कम थी। मजबूरन, परिचालक को आधा टिकट बनाना पड़ा। जब बस में सवारियां बढ़ गईं तो परिचालक ने इस बच्चे को गोद में बैठाने को कहा। बस में मौजूद दूसरे यात्रियों ने बच्चे को बैठे रहने को कहा तो परिचालक ने अभद्रता शुरू कर दी।
कुछ को ज्यादा जल्दी है, बस को आधा घंटा खड़ी कर दो
रुद्रपुर। कहा जा रहा है कि जब चालक ने शराब का सेवन कर लिया तो उसके बाद से वह बस को अनियंत्रित तरीके से चलाने लगा। इसका यात्रियों ने विरोध किया तो वह बस को बेहद धीमी गति से चलाने लगा। परिचालक ने तो तीर्थयात्रियों को सबक सिखाने की ठान ली थी तो उसने रुद्रपुर में लाकर बस खड़ी करा दी। यात्रियों ने बस भरी होने का हवाला देकर चलने को कहा तो परिचालक ने चालक से कहा ‘कुछ लोगों को ज्यादा जल्दी है, बस को आधा घंटा खड़ी कर दो।’
न वर्दी और न ही अनुशासन
रुद्रपुर। उत्तराखंड परिवहन निगम के चालक- परिचालक के लिये वर्दी अनिवार्य है लेकिन इस बस के चालक व परिचालक के लिये जैसे कोई नियम नहीं है। दोनों ही वेवर्दी थे। इतना ही नहीं चालक ने तो हवाई चप्पलें पहन रखी थीं।