शाहजहांपुर: सूचना भवन के निर्माण में गड़बड़ियां देख डीएम का पारा हुआ हाई

शाहजहांपुर: सूचना भवन के निर्माण में गड़बड़ियां देख डीएम का पारा हुआ हाई

शाहजहांपुर, अमृत विचार। टाउन हॉल में 2 करोड़ 40 लाख की लागत से बने सूचना संकुल और प्रेस क्लब भवन का गुरुवार को डीएम उमेश प्रताप सिंह ने निरीक्षण किया। इस दौरान भवन निर्माण में कई गड़बड़ियों को देख उनका पारा हाई हो गया। डीएम ने डीआईओ और डीएसटीओं को जांच सौंपने के साथ ही …

शाहजहांपुर, अमृत विचार। टाउन हॉल में 2 करोड़ 40 लाख की लागत से बने सूचना संकुल और प्रेस क्लब भवन का गुरुवार को डीएम उमेश प्रताप सिंह ने निरीक्षण किया। इस दौरान भवन निर्माण में कई गड़बड़ियों को देख उनका पारा हाई हो गया। डीएम ने डीआईओ और डीएसटीओं को जांच सौंपने के साथ ही नुकसान की भरपाई ठेकेदार से कराने को आदेश दिया है।

गड़बड़ियों वाले इस भवन का लोकार्पण 9 नवंबर 2021 को किया गया था। शिलापट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिखा है। वहीं कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के हाथों इस भवन का लोकार्पण कराया गया। लोकार्पण के कुछ दिन बाद ही दीवारें दरकनें लगीं। बारिश हुई तो अंडरग्राउंड पार्किंग तालाब बन गई। जल निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई। साथ ही सीढ़ियां संकरी बना दी गईं। इसके बाद भी भवन पूर्ण नहीं किया गया।

डीएम ने निरीक्षण किया तो कमियां सामने आ गई। जांच के आदेश दिए गए। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों, जेई, ठेकेदार सहित सभी जिम्मेदारों के बयान हुए। 6 महीने 23 दिन गुजर गए, लेकिन परिणाम सामने नहीं आया। न तो पार्किंग व्यवस्था ठीक की गई और न ही अन्य कोई मरम्मत कार्य किए गए। जबकि दीवार लगातार दरकती जा रही है, उसके बाद भी न तो सुधार हुआ और न ही जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।

…फिर भी कैबिनेट मंत्री के हाथों करा दिया गया उद्घाटन
सूचना संकुल भवन में कई गड़बड़ियों होने के बाद भी इसका लोकार्पण कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के हाथों करा दिया गया। हैरानी की बात यह है कि तत्कालीन डीएम के निर्देश बाद हुई जांच में यह गड़बड़ियां मिलीं, लेकिन आज तक न तो इसकी भरपाई की जा सकी और न ही इन गड़बड़ियों को सुधारा जा सका। सिर्फ आदेश पर आदेश होते रहे।

…जो शासन को भेजते रहे फर्जी रिपोर्ट
जिला सूचना कार्यालय का निर्माण किसी निजी संस्था ने नहीं, बल्कि खुद सरकारी संस्था आरईएस ने कराया था। विभाग के खुद के इंजीनियर होते और अधिकारी भी। निर्माण के दौरान समय-समय पर निरीक्षण और जांच रिपोर्ट भी शासन को भेजने का प्राविधान होता है। निर्माण के दौरान रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाती रही, लेकिन अब सवाल यह है कि जब निर्माण अधोमानक था, तो आरईएस ने अपनी रिपोर्ट में क्या भेजा। आरईएस के अफसर जरूर शासन के अफसरों को धोखे में रखा, जिसका परिणाम अब देखने को मिला रहा है।

ठेकेदार और अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई के निर्देश
भवन के निरीक्षण दौरान डीएम को अनेक तकनीकी कमियां मिलीं। अधोमनक सामग्री और नक्शे के अनुसार भवन का निर्माण नहीं बना पाया। भूतल पर बनी पार्किंग को पूर्णतया अनुपयोगी पाया एवं भवन की सीढ़ियां भी शासकीय भवनों की दृष्टि से सही नहीं पाई गईं। इस पर डीएम ने मौजूद अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण को कड़ी फटकार लगाई।

डीएम ने आदेश दिया कि जिला सूचना अधिकारी व जिला अर्थ एवं संख्यिकीय अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी गठन कर पुनः जांच की जाए। शासकीय धन के किये गये दुरुपयोग व अपव्यय का आंकलन कर संबंधित ठेकेदार से धनराशि वसूली जाए। साथ ही जिला सूचना कार्यालय में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक न मिलने पर डीएम ने नगर निगम से सफाई कर्मचारी की तैनाती कर नियमित रूप से कार्यालय की साफ-सफाई की व्यवस्था सुधारने को कहा।

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