हरदोई: चौथी बार विधायक बनी रजनी ने कराया ताकत का एहसास, तीन विधानसभा क्षेत्रों का कर चुकी हैं प्रतिनिधित्व

हरदोई: चौथी बार विधायक बनी रजनी ने कराया ताकत का एहसास, तीन विधानसभा क्षेत्रों का कर चुकी हैं प्रतिनिधित्व

हरदोई। यूपी के हरदोई जिले के शाहबाद विधानसभा से विधायक रजनी तिवारी को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। हालांकि विधायक रजनी तिवारी का क्षेत्र कोई एक नहीं रहा है, लेकिन उन्होंने इतिहास को जरूर तोड़ा है। चौथी बार लगातार चुनाव जीतकर बाबे दा एक बनी है सबसे पहले वाह बिलग्राम क्षेत्र से विधायक बनी …

हरदोई। यूपी के हरदोई जिले के शाहबाद विधानसभा से विधायक रजनी तिवारी को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। हालांकि विधायक रजनी तिवारी का क्षेत्र कोई एक नहीं रहा है, लेकिन उन्होंने इतिहास को जरूर तोड़ा है। चौथी बार लगातार चुनाव जीतकर बाबे दा एक बनी है सबसे पहले वाह बिलग्राम क्षेत्र से विधायक बनी फिर सवायजपुर क्षेत्र की विधायक रही पिछले चुनाव में शाहबाद विधानसभा क्षेत्र का उन्होंने प्रतिनिधित्व किया था इस बार फिर उन्हें शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र की कमान दी गई।

2008 में पहली मर्तबा विधायक बनी थी रजनी तिवारी

ब्राह्मण बिरादरी में अच्छी पैठ रखने वाले उपेंद्र तिवारी को 2007 में बिलग्राम विधानसभा की जनता ने चुनाव जीता कर विधानसभा भेजा था। लेकिन बीमारी के चलते उनके आकस्मिक निधन हो गया। जिसके बाद 2008 में उपेंद्र तिवारी की पत्नी रजनी तिवारी चुनावी मैदान में कूद पड़ी। रजनी तिवारी के लिए सियासत बिल्कुल नई थी।

इससे पहले उनका कोई भी सियासी इतिहास नहीं रहा था। लेकिन पति की मौत के बाद एक अबला नारी को जो सिंपैथी मिली उसके बाद रजनी तिवारी बसपा के सिंबल से पहली मर्तबा विधानसभा पहुंची। 2012 के विधानसभा चुनाव में रजनी तिवारी का क्षेत्र बदल दिया गया। वह सवायजपुर विधानसभा से बीएसपी के सिंबल पर दोबारा चुनाव जीती और विधानसभा पहुंची।

भाजपा ने खेला दांव

2017 के चुनाव से पहले रजनी तिवारी ने बसपा का दामन छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी ने इस मर्तबा उन्हें हरदोई की 155 शाहाबाद विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया था। चुनाव हुआ और रजनी तिवारी शाहबाद से विजय हुई। 2022 के चुनाव में अनुमान लगाया जा रहा था कि रजनी तिवारी का टिकट या तो कट जाएगा या फिर उन्हें किसी और विधानसभा से चुनाव लड़ाया जाएगा। क्योंकि कहा जा रहा था कि इलाके में रजनी तिवारी की पैठ कुछ कमजोर है।

इसके अलावा इस सीट पर इतिहास रहा है कि यहां से कोई महिला एक बार चुनाव जीतने के बाद दोबारा विधायक नहीं हुई। लेकिन बीजेपी ने रजनी तिवारी पर ही दांव खेला। 2022 के चुनाव में एक मर्तबा फिर रजनी तिवारी विजय हुई है। जिसके बाद अब उन्हें योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

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