लखनऊ: सड़क हादसे में मृत इंस्पेक्टर को पुलिस लाइन में दी गई अंतिम विदाई

लखनऊ। मड़ियांव में शनिवार की देर रात सड़क हादसे में मृत सैरपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर डॉ. संजय कुमार को पुलिस लाइन में अंतिम विदाई दी गई। रविवार को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर व डीएम अभिषेक प्रकाश समेत कई अफसरों ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया। राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों के बीच उनके …
लखनऊ। मड़ियांव में शनिवार की देर रात सड़क हादसे में मृत सैरपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर डॉ. संजय कुमार को पुलिस लाइन में अंतिम विदाई दी गई। रविवार को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर व डीएम अभिषेक प्रकाश समेत कई अफसरों ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया। राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों के बीच उनके परिवारीजन शव को अंतिम संस्कार के लिये बिहार के औरंगाबाद स्थित पैतृक आवास के लिये लेकर चले गये। सैरपुर इंस्पेक्टर डॉ. संजय कुमार की कार भिठौली चौराहे के पास एक ट्रक में पीछे से घुस गई थी। इसमें गम्भीर रूप से घायल संजय कुमार को ट्रॉमा सेन्टर ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
संजय की मौत की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में शोक छा गया था। रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद संजय का शव पुलिस लाइन ले जाया गया। उनके भाई धनंजय अपने साथ संजय की पत्नी सोनी व उनकी तीनों बेटियों के साथ पहुंचे थे। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर, डीएम अभिषेक प्रकाश, जेसीपी पीयूष मोर्डिया, नीलाब्जा चौधरी, डीसीपी रईश अख्तर, एस चिनप्पा, सोमेन वर्मा, एडीसीपी प्राची सिंह, चिरंजीव नाथ सिन्हा, एसीपी आईपी सिंह समेत कई पुलिस अधिकारियों ने इंस्पेक्टर संजय कुमार को श्रद्धांजलि दी।
संजय कुमार ने मार गिराया था डकैत
संजय कुमार मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के हसनपुर क्षेत्र के रहने वाले थे। रिश्तेदारों ने बताया कि संजय के एक भाई और चार बहनें हैं। वर्ष 2001 बैच के संजय कुमार वर्ष 2011 में चित्रकूट में तैनात थे। यहां एक इनामी डकैत को मुठभेड़ में मार गिराने पर उन्हें वीरता के लिये सम्मानित किया गया था। वह वर्ष 2016 से 2020 तक सीबीसीआईडी में तैनात रहे।
शव से लिपटकर रोती रही पत्नी
संजय की पत्नी सोनी शव से लिपटकर बस यही कहते हुये बिलखती रही कि आप बेटियों को अफसर बनाना चाहते थे। फिर इस तरह अकेला छोड़ कर क्यों चले गये। परिवारीजन व महिला पुलिसकर्मी किसी तरह उन्हें संभाल रही थी। डॉ. संजय अपने परिवार के साथ आशियाना के एल्डिको ग्रीन में किराये के मकान में रहते थे। बड़ी बेटी 16 वर्षीय चारू ने इसी साल हाईस्कूल की परीक्षा दी है। मंझली बेटी अंशुमाली कक्षा छह में है। छोटी बेटी अम्बे अभी ढाई साल की है।
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