हल्द्वानी: राज्य कर विभाग ने 13 माह में 76 करोड़ का कर चोरी का माल पकड़ा

हल्द्वानी: राज्य कर विभाग ने 13 माह में 76 करोड़ का कर चोरी का माल पकड़ा

हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य कर विभाग की सचल दल की 11 इकाइयों ने जनवरी 2021 से जनवरी 2022 तक कर चोरी के 1,903 मामले पकड़े। इनमें 76 करोड़ से अधिक का कर चोरी का माल पकड़ा गया। सूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य कर विभाग के देहरादून के सचल दल ने कर चोरी के …

हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य कर विभाग की सचल दल की 11 इकाइयों ने जनवरी 2021 से जनवरी 2022 तक कर चोरी के 1,903 मामले पकड़े। इनमें 76 करोड़ से अधिक का कर चोरी का माल पकड़ा गया।

सूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य कर विभाग के देहरादून के सचल दल ने कर चोरी के 351 मामलों में 2.62 करोड़ का माल पकड़ा। विकास नगर में 82 मामलों में 30 लाख का माल, हरिद्वार में 165 मामलों में 6.78 करोड़ का माल, रुड़की में 526 मामलों में 29.30 करोड़ का माल, भगवानपुर में 54 मामलों में 39 लाख का माल, कोटद्वार में 136 मामलों में 2. 87 करोड़ का माल, काशीपुर में 239 मामलों में 2.84 करोड़ का माल, रुद्रपुर में 435 मामलों में 19.12 करोड़ का माल, किच्छा में 165 मामलों में 4.28 करोड़ का माल, हल्द्वानी में 278 मामलों में 4. 98 करोड़ का माल और खटीमा में 185 मामलों में 3.03 करोड़ का कर चोरी का माल पकड़ा है।

इस तरह तकरीबन एक साल में राज्य कर विभाग की प्रदेश भर की 11 सचल दल इकाइयों ने 1,903 मामलों में 76 करोड़ से ज्यादा का कर चोरी का माल पकड़ा है। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता क्लब के प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रमोद अग्रवाल गोल्डी के मांगे गए सूचना के अधिकार से हुई है।

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जीएसटी की आड़ में व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे राज्य कर अधिकारी

प्रमोद अग्रवाल गोल्डी ने बताया कि यह आंकड़े इस बात को बता रहे  हैं कि जीएसटी लागू करने के बाद व्यापारियों के उत्पीड़न में इजाफा हुआ है। जितने भी मामले पकड़े गए हैं इनमें अधिकांश मामलों में बिना बिल का माल नहीं होता है। काफी ऐसे मामले होते हैं, जिनमें बिल संबंधी कोई भी तकनीकी कमी के चलते विभाग ऐसे माल को अधिग्रहीत कर लेता है। उन्होंने कहा कि विकास नगर की सचल दल इकाई ने 82 मामलों में अनुमानित 30 लाख रुपये का कर चोरी का माल पकड़ा था। इस पर तकरीनब 48 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। यह जीएसटी की आड़ में राज्य कर अधिकारियों द्वारा व्यापारियों के प्रति किया जा रहा अन्याय है। गोल्डी ने कहा कि कभी-कभी व्यापारी के बिलों में तकनीकी त्रुटि रह जाती है। इस आधार पर राज्य कर विभाग माल को जब्त कर जुर्माना लगाता है। जबकि विभाग को व्यापारियों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक दृष्टिकोण रखना चाहिए।