बरेली: दो सपा व एक जनता दल प्रत्याशी 21 व 18 वोटों से जीतें हैं सीट

बरेली: दो सपा व एक जनता दल प्रत्याशी 21 व 18 वोटों से जीतें हैं सीट

बरेली,अमृत विचार। विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और सपा ही अधिकांश जगह टक्कर में हैं। कुछ जगह कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी भी सपा और भाजपा के लिए मुसीबत बने हैं। पिछला रिकार्ड भी देखें तो सपा और भाजपा के बीच हुई कांटे की टक्कर में सपा प्रत्याशी बाजी मार ले गए हैं और जीत …

बरेली,अमृत विचार। विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और सपा ही अधिकांश जगह टक्कर में हैं। कुछ जगह कांग्रेस और बसपा प्रत्याशी भी सपा और भाजपा के लिए मुसीबत बने हैं। पिछला रिकार्ड भी देखें तो सपा और भाजपा के बीच हुई कांटे की टक्कर में सपा प्रत्याशी बाजी मार ले गए हैं और जीत दर्ज कराई है।

यह जीत भी 21, 18 और 27 वोटों से दर्ज कराई गई है। 2012 के चुनाव में बहेड़ी में सपा प्रत्याशी अताउर रहमान समाजवादी पार्टी और छत्रपाल भाजपा से आमने सामने थे। इस बार भी दोनों चुनाव मैदान में है और पार्टी भी वही है। तब कांटे की टक्कर हुई थी। भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार को तब 48 हजार 154 वोट मिले और अताउर को 48 हजार 172 वोट मिले थे।

मतगणना स्थल पर कई बार मतों की गिनती गई और अंत में सपा प्रत्याशी के सिर पर 18 वोटों से जीत का सेहरा बंधा। मतगणना के दौरान अताउर अपनी हार मानकर घर चले गए थे लेकिन जब मतपेटियां खुलनी शुरू हुई तो उनके समर्थकों ने स्थिति बताई। जब तक अताउर आते तब तक गिनती पूरी हो चुकी थी लेकिन प्रत्याशी ने आकर शोर मचाना शुरू किया तो गिनती शुरू हुई। कई चरणों में मतों की गिनती हुई आखिर में जीत अताउर की हुई।

वर्ष 2002 मे नवाबगंज में इसी तरह कांटे की टक्कर हुई थी। यह टक्कर भी सपा और भाजपा के बीच थी। उस समय सपा के छोटे लाल और भाजपा के संग्राम सिंह के बीच जबर्दस्त टक्कर थी। सपा प्रत्याशी छोटे लाल 44 हजार 874 मत पाए थे और संग्राम सिंह को 44 हजार 847 मत मिले थे। इस टक्कर में 27 मतों से छोटे लाल के सिर जीत का सेहरा बंधा था।

कांटे की टक्कर का यह सिलसिला 12 साल पहले भी चला था। वर्ष 1989 में जनता दल और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। तब राजनीति के दो दिग्गज चुनाव मैदान में थे। जनता दल के प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन और कांग्रेस से इस्लाम साबिर चुनाव मैदान में थे। बरेली में कैंट सीट पर दोनों नेता मुस्तैदी से चुनाव लड़ रहे थे। जमकर जनसंपर्क और प्रचार किया गया था।

जनता में भी बराबर की पकड़ थी। चुनाव हुआ और फिर मतगणना हुई तो प्रवीण सिंह ऐरन भारी पड़े। प्रवीण को 29 हजार 545 वोट पड़े थे जबकि इस्लाम साबिर को काफी पसीना बहाने के बाद 29 हजार 524 वोट ही मिल पाए थे। उस समय प्रवीण सिंह ऐरन 21 वोट से जीत दर्ज कराकर इस्लाम साबिर को मात देने में कामयाब रहे थे। तब इतने कम वोटों से जीत हार का जिले भर में चर्चा का विषय बनी थी।

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