सावधानी अब भी जरूरी

देश में दो सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान संक्रमण के 1.49 लाख मामले आए। गुरुवार को 1,72,000 नए मामले दर्ज किए गए। कुछ राज्यों में संक्रमण और संक्रमण दर में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट देखी जा रही है लेकिन केरल और मिजोरम में तेजी …
देश में दो सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान संक्रमण के 1.49 लाख मामले आए। गुरुवार को 1,72,000 नए मामले दर्ज किए गए। कुछ राज्यों में संक्रमण और संक्रमण दर में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट देखी जा रही है लेकिन केरल और मिजोरम में तेजी है।
दूसरी लहर में देश में एक दिन में सबसे अधिक संक्रमण के 4,14,188 मामले आए थे। तीसरी लहर के दौरान इस वर्ष 21 जनवरी को संक्रमण के सबसे ज्यादा 3,47,245 मामले देखे गए। मामलों में लगातार गिरावट के बीच 24 घंटे में 1072 लोगों की मौत होने के बाद देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच लाख के पार पहुंच गई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार ओमिक्रान का एक महीना और इससे पहले के डेल्टा स्वरूप के एक महीने की तुलना में टीके लगवा चुके मरीजों में मरने वालों की संख्या कम है।
केंद्र सरकार ने 2022-23 में टीकाकरण के लिए 5,000 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया है।
बूस्टर डोज तथा बच्चों के टीकाकरण के लिए यह रकम पर्याप्त नहीं है। जबकि पिछले साल के बजट में टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था जिसे 2021-22 के संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 39,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
जानकारों का कहना है कि टीकाकरण के लिए कम आवंटन का अर्थ है कि सरकार मुफ्त टीकाकरण का प्रावधान खत्म कर सकती है। इस बारे में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और राष्ट्रीय कोविड कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल का कहना है कि जरूरत के मुताबिक अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस बीच मामलों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए राज्यों ने प्रतिबंधों में छूट देने का फैसला किया है। दिल्ली में सोमवार से स्कूल-कॉलेज खुलेंगे। सभी कार्यालय भी पूरी क्षमता से खुलेंगे। राजस्थान में रात्रिकालीन कर्फ्यू को समाप्त कर दिया गया है।
ध्यान रखना होगा कि अभी भी दुनिया में भारत इस महामारी के संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर है। जबकि अमेरिका शीर्ष पर है। मामलों में कमी आ रही है लेकिन अब भी यह रोजाना के एक लाख से अधिक हैं। इसका मतलब यह भी है कि हमें ज्यादा सतर्क रहना होगा।
लोगों की लापरवाही के कारण कई देश फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम,स्पेन आदि खमियाजा झेल चुके हैं। जहां फिर से लाकडाउन तक लगाना पड़ा। ऐसे में कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे डबल डोज वैक्सीनेशन, नो मास्क-नो एंट्री, स्क्रीनिंग एवं स्वच्छता एवं सेनेटाइजेशन का पालन किया जाना जरूरी है।