बहराइच: प्रभावशाली लोगों का इस बैंक में चलता है सिक्का, गरीब और श्रमिक काटते हैं चक्कर

बहराइच। जिले के हुजूरपुर-बहराइच मार्ग पर स्थित सिविल लाइन के पास इलाहाबाद इंडियन बैंक के ग्राहकों को खाता खुलवाने के लिए एक माह तक इंतजार करना पड़ता है। बैंक अधिकारी किसी की नहीं सुनते हैं। हुजूरपुर रोड स्थित इंडियन बैंक (इलाहाबाद बैंक) पहुंचने वाले आम ग्राहकों को दिक्कत हो रही है। यहां पर गरीब और …
बहराइच। जिले के हुजूरपुर-बहराइच मार्ग पर स्थित सिविल लाइन के पास इलाहाबाद इंडियन बैंक के ग्राहकों को खाता खुलवाने के लिए एक माह तक इंतजार करना पड़ता है। बैंक अधिकारी किसी की नहीं सुनते हैं। हुजूरपुर रोड स्थित इंडियन बैंक (इलाहाबाद बैंक) पहुंचने वाले आम ग्राहकों को दिक्कत हो रही है। यहां पर गरीब और मजदूर किस्म के उपभोक्ताओं का काम एक माह बाद भी नहीं होता है। इसके अलावा धमकी अलग से मिलती है।
बहराइच जिले में इस तरह के नियम का यह पहला ऐसा बैंक है जिसमें एक माह पर पासबुक मिलता है। बैंक में प्रभावशाली लोगों का सिक्का चलता है। नेटवर्क ना होने पर मीलो से चलकर आए मजदूर, गरीब, महिलाएं घंटों लाइन लगाकर वापस चले जाते हैं। लेकिन प्रभावशाली लोगों को नेटवर्क ना होने के बावजूद पैसा निकाल कर उनके हाथ में दे दिया जाता है।
हुजूरपुर विकासखंड के ताजपुर गांव निवासी दिलशाद अहमद ने अपना अकाउंट इंडियन बैंक इलाहाबाद शाखा में खुलवाया है। काफी मशक्कत के बाद अकाउंट तो खुल गया लेकिन एक हफ्ते के बाद जब पासबुक लेने पहुंचे तो बैंक के कर्मचारियों ने अभी तक आपका फॉर्म पास नही हुआ है। बात कह कर वापस कर दिया। बैंक में पढ़े लिखे इंसान को जब इस तरीके से बहानेबाजी करके वापस किया जा रहा है तो मजदूर, गरीब और महिलाएं के साथ कैसा सलूक किया जा रहा होगा।
बैंक में बैठे कर्मचारी मनमर्जियां कर रहे हैं। इनको उच्च अधिकारियों का न तो दबाव है, न ही जनता के प्रति जवाबदेही है। मनमर्जी कर बैंक को चला रहे हैं। जब खाताधारक नियमो का कारण पूछते हैं तो बैंक कर्मचारियों द्वारा कहा जाता है कि ज्यादा बहस ना करो वरना आपका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा। ऐसे बैंक कर्मचारियों से खातेदारको को बहुत दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।
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