बरेली: उद्यमियों-व्यापारियों का विरोध नहीं साध पाए तो कुर्सी पाना चुनौती

महिपाल गंगवार, बरेली, अमृत विचार। विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल की मुसीबतें कम नहीं हैं। जनप्रतिनिधि भले ही पांच साल के कार्यकाल में तमाम विकास के दावे कर रहे हों, लेकिन वर्तमान में कई मुद्दे ऐसे हैं जो आगामी चुनाव में उनकी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। कुतबुखाना फ्लाइओवर का विरोध कर रहे व्यापारियों …
महिपाल गंगवार, बरेली, अमृत विचार। विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल की मुसीबतें कम नहीं हैं। जनप्रतिनिधि भले ही पांच साल के कार्यकाल में तमाम विकास के दावे कर रहे हों, लेकिन वर्तमान में कई मुद्दे ऐसे हैं जो आगामी चुनाव में उनकी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। कुतबुखाना फ्लाइओवर का विरोध कर रहे व्यापारियों ने तो यह तक कह दिया है कि अगर ऐसा हुआ तो हम विधायक बदल देंगे। जरूरत पड़ी तो अपने बीच से ही एक प्रत्याशी को मैदान में उतारा जाएगा।
इसके अलावा मंडी शुल्क को लेकर व्यापारी संगठन एकजुट हैं। उद्यमियों के संगठन आईआईए ने भी एमएमएसएमई सेक्टर से जुड़ी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके अलावा भी कई अन्य मुद्दों पर पक्ष विपक्ष दो पहलू बन गए हैं लेकिन हकीकत यह है कि इस चुनावी संग्राम में सत्ता पर काबिज होने के लिए जितनी मेहनत सीएम को करनी है उतना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को।
मंडी शुल्क को पर व्यापारियों ने बयां किया दर्द
पिछली बार सरकार बनाने में व्यापारियों की अहम भूमिका रही। बीते पांच साल में अधिकारियों के भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं मिली है। यह सरकार की विफलता को साबित करता है। अगर इसी तरह स्थिति बनी रही तो आगामी चुनाव को लेकर पुन: विचार करना होगा। -राजेश जसोरिया, व्यापारी नेता
मंडी शुल्क लागू करके सरकार ने गल्ला कारोबार को बड़ा झटका दिया है। व्यापारी वर्ग इससे काफी नाराज है। सीएम से लेकर डीएम आदि को ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हुई है। इसलिए आगामी चुनाव में प्रभाव पड़ना लाजिमी है। -अवधेश अग्रवाल डब्बू, व्यापारी नेता
पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क शून्य है। यूपी में फिर से मंडी शुल्क लगने से कारोबार पर बड़ा फर्क पड़ेगा। वर्तमान की सरकार से राहत की काफी उम्मीद थी, लेकिन अंत में निराशा ही हाथ लगी। चुनावी समय में सरकार का यह कदम नुकसान देय साबित होगा। -कैलाश मित्तल, कोषाध्यक्ष, दाल मिल एसोसिएशन
मंडी शुल्क लागू करने से पूरे प्रदेश का व्यापारी परेशान है। 5 प्रतिशत जीएसटी व्यापारी को मंजूर है, लेकिन 1.5 प्रतिशत मंडी शुल्क नागवार, क्योंकि इसमें अवैध वसूली होती है। भाजपा व्यापारियों को हल्के में ले रही है, लेकिन व्यापारी उन्हें वोट नहीं देगा। -गुलशन सब्बरवान, अध्यक्ष होलसेल किराना कमेटी
फ्लाईओवर बना तो सिमट जाएगा कारोबार
कुतुबखाना फ्लाईओवर बनाने के पीछे प्रशासन की मंशा सिर्फ व्यापारियों को परेशान करना है। जनप्रतिनिधियों के व्यापारी हित में किए सभी दावे अब तक झूठे साबित हुए हैं। इसलिए व्यापारी अब किसी भी हद तक जाएंगे। आगामी चुनाव में जरूरत पड़ी तो अपने बीच के व्यक्ति को मैदान में उतारेंगे। -संजय आंनद, अध्यक्ष, पंजाबी महासभा
व्यापारियों ने चाहे कोरोना काल हो या अन्य कोई कार्य। सभी जगह सेवाभाव से अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कार्य किया। अब उन्हीं व्यापारियों को कुतुबखाना पर फ्लाईओवर बनाकर प्रशासन बर्बाद करना चाहता है। इसके निर्माण से करीब तीन किमी दायरे में आने वाला बाजार कई सालों के सिमट जाएगा। -भूपेंद्र सिंह, व्यापारी
जनप्रतिनिधि अच्छी तरह जानते हैं कि पुल निर्माण की घोषणा किसी भी कीमत पर व्यापारियों के हित में नहीं है। व्यापारी अंडरपास बनाए जाने पर सहमत है लेकिन प्रशासन पुल निर्माण की जिद पर अड़ा है। चुनाव नजदीक हैं। मांगें नहीं मानी तो जरूरत पड़ने पर बाजार भी बंद किया जाएगा। -नदीम शमसी, व्यापारी/ समाजसेवी
शहर के जनप्रतिनिधियों ने व्यापारियों को आश्वस्त किया था कि वे उनकी भावनाओं का ख्याल रखेंगे, लेकिन चुनाव नजदीक होने पर भी स्थिति उलट है। ऐसी स्थिति में अब व्यापारियों ने विधानसभा चुनाव में नेताओं के विरोध का फैसला किया है। इसलिए बेहतर होगा कि प्रशासन मांगें मान ले। -दर्शन लाल भाटिया, व्यापारी
उद्यमियों ने सभी राजनीतिक दलों को भेजा प्रस्ताव
उद्यमी हर स्तर पर सहयोग करता है, लेकिन लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। इसलिए आगामी चुनाव को देखते हुए 9 बिंदुओं का खाका आईआईए ने तैयार कर भेज दिया है जो राजनीतिक दल इसे अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा समर्थन भी केवल उसी को मिलेगा। -दिनेश गोयल, राष्ट्रीय महासचिव, आईआईए
कई राजनीतिक दल बदले, लेकिन मांगें पूरी नहीं हो सकी। आईआईए प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की एक शीर्ष संस्था है। इससे प्रदेश की लगभग आधी आबादी जुड़ी हुई है। इसलिए एसोसिएशन ने उद्यमियों व जनहित की अपेक्षाओं को लेकर प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया है। सभी दल इस पर विचार करें। -नीरज गोयल, चैप्टर चेयरमैन
विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। मांगों को लेकर आईआईए की ओर से सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों व प्रदेश अध्यक्षों को प्रस्ताव भेज दिया है जो दल एसोसिएशन का समर्थन करेगा उद्यमियों का समर्थन भी केवल उसी को मिलेगा। -तनुज भसीन,चैप्टर सचिव, आईआईए
विधानसभा चुनाव नजदीक है। उद्यमियों का प्रतिनिधित्व को लेकर सरकार की ओर से अभी तक मंथन नहीं किया गया जबकि इसको लेकर लंबे समय से मांग उठती रही है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में एमएसएमई का प्रतिनिधित्व होना बेहद जरूरी है। इस पर सरकार विचार करे। -सुरेश सुंदरानी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आईआईए
इन मुद्दों से जनप्रतिनिधियों की मुश्किलें बढ़ेंगी
कुतुबखाना फ्लाईओवर- व्यापारी बाजार में ‘पुल निर्माण कराओगे तो वोट नहीं पाओगे’ के पोस्टर चस्पा कर चुके हैं। उनके मुताबिक प्रशासन पुल बनने पर जाम से निजात मिलने की बात कह रहा, जबकि यहां समस्या ट्रैफिक की है। अगर ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करा दी जाए तो पुल की जरूरत नहीं होगी। फिर भी अगर प्रशासन चाहता है तो पुल की जगह अंडरपास बनवा दे। इसमें व्यापारी प्रशासन का सहयोग करने के साथ ही हर स्तर पर समर्थन करेंगे।
मंडी शुल्क: कृषि कानूनों की वापसी से प्रदेश में फिर मंडी शुल्क लागू हो चुका है। व्यापारी नेता राजेंद्र गुप्ता की अगुवाई में किराना, दलहन आदि से जुड़े व्यापारियों ने मांगे नहीं माने जाने पर सरकार के खिलाफ उतरने का मन बना लिया है। कृषि कानून वापस करना प्रदेश के व्यापारी समाज के साथ धोखा बताकर इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है।
आईआईए ने भेजा प्रस्ताव: उद्यमियों ने आगामी चुनाव के घोषणा पत्र में शामिल करने को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर के विकास को लेकर नौ बिंदुओं का खाका तैयार किया है। जिसमें प्रदेश के सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, एमएसएमई की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने आदि की मांग शामिल है। साफ कहा है जो राजनीतिक दल इसे अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा उद्यमियों का समर्थन भी उसी को मिलेगा।