लखनऊ: खुद के वाहन अनफिट, दूसरों को पढ़ा रहे फिटनेस का पाठ

लखनऊ। परिवहन विभाग के अधिकारी दूसरों को वाहन की फिटनेस कराने के लिए दिन भर पाठ पढ़ाते हैं। लेकिन खुद अपने वाहनों की फिटनेस के प्रति कितना सजग है, यह देखना है तो पहुंच जाइये ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (आरटीओ), जहां परिवहन विभाग के ही अनफिट वाहन देखने को मिल जाएंगे। लाखों …
लखनऊ। परिवहन विभाग के अधिकारी दूसरों को वाहन की फिटनेस कराने के लिए दिन भर पाठ पढ़ाते हैं। लेकिन खुद अपने वाहनों की फिटनेस के प्रति कितना सजग है, यह देखना है तो पहुंच जाइये ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (आरटीओ), जहां परिवहन विभाग के ही अनफिट वाहन देखने को मिल जाएंगे। लाखों की धनराशि खर्च कर खरीदे गए वाहन कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
कुछ दिनों पूर्व इसी महीने प्रदेश भर में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया गया। इस दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कई कार्यक्रम किए और सभी को वाहन फिटनेस के लिए जागरुक किया। लेकिन आरटीओ कार्यालय में ही एक ट्रैवलर और इंटरसेप्टर खड़े हैं। परिवहन आयुक्त कार्यालय के नाम से इन वाहनों का पंजीयन भी इसी कार्यालय में हैं। इन वाहनों की फिटनेस दो साल पहले खत्म हो चुकी है वहीं इन वाहनों का बीमा भी नहीं कराया जा रहा है।
तकरीबन डेढ़ साल से यह वाहन यहां पर खड़े हुए हैं। लेकिन किसी ने भी इन्हें ठीक कराने के लिए कदम नहीं बढ़ाया। आरटीओ ऑफिस में आरटीओ प्रशासन, आरटीओ प्रवर्तन, एआरटीओ प्रशासन और एआरटीओ प्रवर्तन के साथ आरआई और पीटीओ की आवाजाही दिन भर बनी रहती है। लेकिन इन सभी के पास अन्य इतने आवश्यक कार्य है कि इन वाहनों पर इनकी नजर नहीं पड़ती है। ऐसे में यह अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा या अन्य वाहनों की फिटनेस की फिक्र यहां पर कितनी है।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। इन वाहनों को जल्द ही ठीक कराया जाएगा। दोनों वाहनों की रिपोर्ट भी मंगवाई जाएगी…धीरज साहू परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश।
आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार इन वाहनों को ठीक कराए जाने के लिए बजट मांगा गया है। अभी तक बजट नहीं मिली है। जल्द ही एक बार फिर से बजट के लिए पत्र भेजा जाएगा।
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