अयोध्या: ठंड में खूंखार हुए कुत्ते, डॉग बाइट के बढ़े केस

अयोध्या: ठंड में खूंखार हुए कुत्ते, डॉग बाइट के बढ़े केस

अयोध्या। बदलते मौसम ने न सिर्फ लोगों के रहन-सहन को बदल डाला है। बल्कि जानवरों के स्वाभाव पर भी व्यापाक असर छोड़ा है। ठंड शुरू होते ही एकाएक बड़ा परिवर्तन हुआ है। अभी तक तो जिले के लोग बंदरों से ही परेशान थे। अब गली-मोहल्लों के कुत्तों ने भी खूंखार रूप ले लिया है। आए …

अयोध्या। बदलते मौसम ने न सिर्फ लोगों के रहन-सहन को बदल डाला है। बल्कि जानवरों के स्वाभाव पर भी व्यापाक असर छोड़ा है। ठंड शुरू होते ही एकाएक बड़ा परिवर्तन हुआ है। अभी तक तो जिले के लोग बंदरों से ही परेशान थे। अब गली-मोहल्लों के कुत्तों ने भी खूंखार रूप ले लिया है। आए दिन किसी न किसी को निशाना बना रहे हैं।

ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि जिला अस्पताल में रैबीज का टीका लगवाने आ रहे मरीजों के आंकड़े बता रहे हैं। जिला अस्पताल में इन दिनों रैबीज का टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। शहरवासी ही नहीं बल्कि जनपद के अन्य ब्लॉकों से लोग यहां टीका लगवाने पहुंच रहे हैं।

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विशेषज्ञों की मानें तो पहले के दिनों में प्रतिदिन सौ या सवा सौ की ही ओपीडी होती थी, लेकिन इन दिनों रैबीज का टीका लगवाने आने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। लगभग 250 लोगों की प्रतिदिन ओपीडी हो रही है। विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि कई ब्लॉकों पर टीका खत्म होने के कारण भी लोग अपने मरीजों को जिला अस्पताल लेकर आते हैं।

एआरवी की लगाई जा रही चार डोज…

जिला अस्पताल स्थित आयुष विंग के चिकित्सक डॉ. डीके द्विवेदी का कहना है कि पहले महज 100 से 150 की ही ओपीडी होती थी। जिसमें कुत्तों के अलावा बंदरों के काटने पर भी लोग एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) का टीका लगवाने आते थे। इधर, देखा जा रहा है कि 200 से 250 तक की ओपीडी पहुंच गई है। जिसमें डॉग बाइट के केस अधिक आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि डॉग बाइट के केस में सिर्फ बच्चे ही अधिक हों। हर उम्र के लोग इसमें शामिल हैं। डॉग बाइट पर टीके की चार डोज लगती है। पहला जिस दिन कुत्ते ने काटा हो। दूसरा टीका तीसरे दिन, तीसरा टीका सातवें दिन व चौथा व आखिरी टीका 28वें दिन पर लगता है। वहीं, कुत्तों से हमेशा ही सावधान रहने की जरूरत है। ठंड में इनका ब्रींडिंग का समय होता है और इस दौरान वे काफी अग्रेसिव रहते हैं। बच्चे भी इसी समय देते हैं। बच्चों की सुरक्षा व अपनी सेफ्टी के लिए ठंड में खूंखार हो जाते हैं। मौसम में परिवर्तन आते ही इनके स्वाभाव में भी परिवर्तन आ जाता है। अमित श्रीवास्तव, पशु चिकित्सक, अमानीगंज ब्लॉक

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