लखीमपुर खीरी : धूप निकलने से मिली ठंड से राहत, लोगों ने लिया धूप का आनंद

शाम होते ही फिर से बढ़ी ठंड और गलन

लखीमपुर खीरी : धूप निकलने से मिली ठंड से राहत, लोगों ने लिया धूप का आनंद

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। जिले में शुक्रवार को धूप निकलने पर ठंड से काफी राहत मिली। धूप निकलने से शहर की सड़कों से लेकर बाजार आदि की रौनक बढ़ गई। घरों की छत से लेकर पार्क आदि में लोग धूप सेंकते नजर आए। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल अभी ठंड कम होने के बजाय आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है।

पिछले कई दिन से भीषण ठंड के प्रकोप से परेशान जिलेवासियों के लिए गुरुवार और शुक्रवार का दिन राहत भरा रहा।दोनो दिन धूप निकलने से लोगों की जान में जान आई। निरंतर गिरते तापमान की वजह से लोग घर से बाहर निकलने से बचते रहे थे, लेकिन शुकव्रार को सुबह से ही तेज धूप निकलने से लोगों ने काफी राहत महससू की। इससे सड़कों से लेकर पार्क आदि में चहल-पहल देखने को मिली। घरों से निकलर लोग रोजमर्रा का जरूरी सामान की खरीदारी करते नजर आए। धूप निकलने से शुक्रवार को अधिकतम तापमान 17 और न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बच्चों से लेकर युवा तक मैदानों पर खेलने-कूदने में व्यस्त रहे तो वहीं महिलाएं घरों की छतों पर धूप का आनंद लेती रहीं।हालांकि दिन ढलने के बाद शाम होते ही फिर से ठंड और गलन शुरू हो गई। इससे बचने के लोग घरों में जहां रजाईआदि में दुबक गए तो वहीं राहगीर अलाव का सहारा लेते रहे।

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मौसम में बदलाव होने से आलू को सताने लगा झुलसा रोग
चपरतला। मौसम में हर दिन बदलाव हो रहा है। इससे आलू की फसल में झुलसा रोग लगने लगा है। इससे किसानों को आलू उत्पादन प्रभावित होने का डर सताने लगा है। इसको लेकर आलू किसान परेशान है। आलू किसानों का कहना है कि यदि इसी तरह मौसम में बदलाव होता रहा है तो बीमारी फैलने से लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।

पिछले कुछ दिनों से मौसम में हो रहा बदलाव लोगों के साथ साथ फसलों को भी प्रभावित कर रहा है। इससेआलू में झुलसा रोग लगना शुरू हो गया है। आलू किसान बताते हैं कि फिलहाल अभी पत्तियां ही प्रभावित हो रही है, यदि इसी तरह मौसम का मिजाज बदलता रहा तो आने वाले दिनों में कंद भी प्रभावित होने लगेगा। इन दिनों की ठंड आलू की फसल के लिए नुकसानदायक है। आलू किसान गुड्डू, राजू, विमल आदि का कहना है कि लगातार पारा गिर रहा है।  पिछले  कुछ दिनों धूप भी नहीं निकली। इससे पौधे मुरझाने लगे हैं। हालांकि फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया है, लेकिन सुधार नहीं दिख रहा है।

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