बरेली: खाद्य तेलों की स्टॉक लिमिट तय होने से व्यापारियों में खलबली

बरेली, अमृत विचार। केंद्र सरकार ने सरसों के तेल, रिफाइंड समेत खाद्य तेलों की स्टॉक लिमिट तय कर दी है। स्टॉक लिमिट से अधिक माल रखने वालों के गोदामों पर छापेमारी के निर्देश हैं। ऐसे में परेशान खाद्य तेलों के थोक व्यापारी गोदाम खाली करने में जुटे हैं। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की स्टॉक …
बरेली, अमृत विचार। केंद्र सरकार ने सरसों के तेल, रिफाइंड समेत खाद्य तेलों की स्टॉक लिमिट तय कर दी है। स्टॉक लिमिट से अधिक माल रखने वालों के गोदामों पर छापेमारी के निर्देश हैं। ऐसे में परेशान खाद्य तेलों के थोक व्यापारी गोदाम खाली करने में जुटे हैं।
केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की स्टॉक लिमिट को 250 क्विंटल निर्धारित कर दिया है।
शासन ने इस स्टॉक लिमिट से ज्यादा माल रखने वाले व्यापारियों के यहां छापेमारी के निर्देश भी प्रशासन के अफसरों को पिछले सप्ताह दिए। इससे सहमे व्यापारी त्योहारी सीजन में गोदाम खाली कर रहे हैं। उनको डर है कि कहीं त्योहार के इस समय में अच्छे कारोबार के बीच उनको नुकसान न उठाना पड़े। इधर, पिछले सप्ताह व्यापारियों ने अपनी बात जिला प्रशासन के माध्यम से शासन तक पहुंचाई थी लेकिन अधिकारी इस पर कोई रियायत देने के मूड में नहीं हैं।
खाद्य तेलों की कीमतें स्थिर
त्योहारी सीजन के बाद फिलहाल खाद्य तेलों की कीमतें अभी स्थिर हैं। सरसों के तेल का थोक मूल्य (15 किलो टिन) 2800 रुपये, रिफाइंड का दाम (15 लीटर टिन) 2150 रुपये और पामोलीन का थोक रेट (15 किलो टिन) 2000 रुपये है। फुटकर में ब्रांड के हिसाब से सरसों के तेल का दाम 185 रुपये से लेकर 195 रुपये प्रति लीटर, रिफाइंड की कीमत 155 रुपये प्रति लीटर और पामोलीन का दाम 135 रुपये लीटर है। वनस्पति घी का थोक रेट (15 किलो टिन) 1900 रुपये है। यह आंकड़े श्यामगंज गल्ला मंडी से लिए गए हैं।
व्यापारियों को शासन नहीं दे रहा छूट
तेल के बड़े कारोबारी राजीव अग्रवाल ने बताया कि खाद्य तेलों की थोक लिमिट का मामला व्यापारियों ने पूर्व जिलाधिकारी के समक्ष रखा था लेकिन इस पर किसी तरह की छूट शासन ने देने से इंकार कर दिया। दूसरी तरफ प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार की वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी स्पष्ट कह दिया गया कि लिमिट से ज्यादा माल रखने वालों के यहां छापेमारी की जाए। इसलिए भी व्यापारी गोदाम खाली करने लगे हैं।