बरेली: पौधों के साथ मनाएं इको फ्रेंडली दिवाली, ऑक्सीजन के साथ सजावट भी

बरेली: पौधों के साथ मनाएं इको फ्रेंडली दिवाली, ऑक्सीजन के साथ सजावट भी

बरेली, अमृत विचार। दिवाली का त्योहार नजदीक है। लिहाजा लोगों ने अपने घरों को सजाना शुरू कर दिया है। रंगबिरंगी झालरों और प्लास्टिक के सजावटी सामान से लोग घरों को सजा रहे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिवाली से पहले हर चीज में इको फ्रेंडली तलाश रहे हैं। फिर चाहे पटाखें हों …

बरेली, अमृत विचार। दिवाली का त्योहार नजदीक है। लिहाजा लोगों ने अपने घरों को सजाना शुरू कर दिया है। रंगबिरंगी झालरों और प्लास्टिक के सजावटी सामान से लोग घरों को सजा रहे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिवाली से पहले हर चीज में इको फ्रेंडली तलाश रहे हैं। फिर चाहे पटाखें हों या फिर सजावटी सामान। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस दिवाली प्लास्टिक से बनी झालरों की जगह प्रकृति की अनमोल देन पेड़-पौधों को चुना है। शहर भर की नर्सरियों पर इन दिनों ऐसे खरीदारों की भीड़ है जो दिवाली पर अपने घरों की सजावट पौधों से करना चाहते हैं।

गेंदा, समी, तुलसी, पेटूनिया, पिटूनिया, डायन्थस, सालविया, पॉइंसेटिया, गुलदाउदी, डेहलिया और गुलाब की डिमांड दिवाली के मौके पर सबसे अधिक है। पेड़ खरीदने आ रहे लोगों ने बताया कि पटाखे जलाना रोशनी करना तो शगुन के तौर पर भी किया जा सकता है। लेकिन पेड़ पौधों से हमें आक्सीजन मिलती है। एक पौध न सिर्फ साज सज्जा के काम आता है बल्कि दिवाली पर भारी मात्रा में होने वाले प्रदूषण से भी हम बचते हैं।

जाहिर है अस्थमा रोगियों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पटाखों का प्रदूषण घातक हो सकता है। अस्थमा के मरीज आम दिनों के मुकाबले दिवाली पर बढ़ जाते हैं। इतना ही नहीं मरीज को अस्थमा का अटैक पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। पटाखों का प्रदूषण न सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है। ऐसे में पेड़ पौधे लगाना भी एक विकल्प हो सकता है।

दिवाली से पहले घर की साज सज्जा के लिए पौधे लेने आए हैं। दिवाली पर प्रदूषण कम हो इसके लिए लोगों को आगे आकर पौधों से प्रेम बढ़ाना चाहिए। लोग एक दूसरे तोहफे के तौर पर भी पौधे दे सकते हैं। -सुभाष अग्रवाल

पौधों के बिना प्रकृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, इनको अपने बीच लाने के लिए दिवाली से बेहतर मौका नहीं हो सकता है। -राधा अग्रवाल

मैं एक किसान परिवार से आता हूं। एक किसान प्रकृति के सबसे अधिक नजदीक रहता है। घर के अंदर 60 से 70 गमले हैं। प्रदूषण कम करने का सबसे मुफीद तरीका है कि हम प्लांट लगाएं। कुछ पौधे ऐसे लागएं जिनसे प्रदूशण कम हो। -हर्षवर्धन

पिछले करीब 35 साल से पेड़ों से ऐसा मोह हुआ कि आज मेरे पास 200 गमले हैं। इसके अलावा करीब 500 पौधे लगाए हुए हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह जरूरी हैं। एक पेड़ भी लगते हैं तो उसका फायदा मिलता है। -ललिता बिष्ट

दिवाली के चलते काफी संख्या में लोग पौधे खरीदने आ रहे हैं। इनमें गेंदा की डिमांड सबसे अधिक है। लोग इको फ्रेंडली दिवाली मानाने के लिए पौंधों को प्राथमिकता दे रहे हैं। दिवाली पर पौधो की बिक्री भी बड़ी है। -आमिर, नर्सरी संचालक