सूरदास की सुध लेने गोवर्धन आए मुंबई से शेखर सेन…

सूरदास की सुध लेने गोवर्धन आए मुंबई से शेखर सेन…

19 अक्टूबर 2021 का दिन ब्रज के इतिहास में दर्ज हो चुका है। मथुरा से २२ किलोमीटर दूर महाकवि सूरदास की साधना स्थली पारासौली में देश के प्रसिध्द एकल कलाकार (solo performer ) शेखर सेन ने सूरदास के 105 साल के दीर्घ जीवन की बेहद मार्मिक व कलात्मक प्रस्तुति दी। चन्द्रसरोवर (यहाँ श्री कृष्ण ने …

19 अक्टूबर 2021 का दिन ब्रज के इतिहास में दर्ज हो चुका है। मथुरा से २२ किलोमीटर दूर महाकवि सूरदास की साधना स्थली पारासौली में देश के प्रसिध्द एकल कलाकार (solo performer ) शेखर सेन ने सूरदास के 105 साल के दीर्घ जीवन की बेहद मार्मिक व कलात्मक प्रस्तुति दी। चन्द्रसरोवर (यहाँ श्री कृष्ण ने राधा और उनकी सखियों के संग महारास किया था ) परिसर में निर्मित ओपन एयर थियेटर के मंच पर 200 दर्शकों के सामने कलाकार शेखर सेन सूर बाबा के जीवन की प्रमुख घटनाओं को अपने अभिनय और वाणी से उद्द्घाटित करते रहे और दर्शक दो घंटे तक मंत्रमुग्ध टकटकी लगाए देखते रहे, मोबाइल के युग में इससे बड़ा आश्यचर्य और क्या हो सकता है? सुखद आश्यर्य यह है कि इन दर्शकों में एक नहीं चार ‘पद्मश्री’ मान्यवर उपस्थित थे। इनमें बालीबुड की ड्रीमगर्ल हेमामालिनी प्रमुख थीं। मजेदार बात यह रही कि कलाकार शेखर सेन स्वयं ‘पद्मश्री ‘ की उपाधि से विभूषित हैं।

मालूम हो पांच सौ वर्ष पूर्व महाप्रभु बल्ल्भाचार्य सूरदास को आगरा के रुनकता से गोवर्धन लाये थे। पारसौली में अपनी कुटिया में सूरदास से मिलने बादशाह अकबर ,तानसेन ,तुलसीदास ,मीराबाई आदि के आने का जिक्र अनेक पुस्तकों में है। सुर और संगीत के जादूगर सूरदास अष्टछाप के कवियों में प्रमुख थे। और नेत्रहीन होने के बाबजूद सवा लाख पदों का गायन किया। इन्हीं बेजोड़ पदों के कारण ब्रजभाषा हिंदी की सिरमौर बनी और घर-घर में श्री कृष्ण स्थापित हुए। ऐसे महाकवि की उपेक्षा आजादी के बाद सरकार ने तो की ही, सूरदास को महाविद्दालयों में पढ़ने वाले शिक्षकों ने भी की। बहुत कम विद्वानों की दिलचस्पी सूरदास की कुटिया में आने की रही। कवि सोम ठाकुर ने तो एक बार सूर बाबा का स्मरण करते सार्वजनिक रूप से कह दिया था-‘ सूरा ,तू माफ़ करना अपने ब्रज वासियों को।’

प्रसिध्द कलाकार शेखर सेन को सूरदास की कुटिया तक लाने का श्रेय मथुरा की सांसद हेमा मालिनी को जाता है। हेमा जी शेखर सेन की नाट्य कला और अभिव्यक्ति की पहली प्रशंसक हैं। फरवरी 21 में हेमाजी से हुई एक बातचीत में मेरे मुख ने निकला था-
‘ हेमा जी आपके बालीबुड के गायकों ने सूरदास के पदों का गायन कर खूब पैसा कमाया लेकिन वे कभी सूरदास की कुटिया नहीं आये जबकि हम लोग लाखों रुपया खर्च कर लन्दन जाते हैं और वहां से 300 किलोमीटर का सफर तय कर शेक्सपीयर के गाँव’ stratford on avon shakespeare house’ जाते है। हमारे सूरदास शेक्सपीयर से किस मायने में कम हैं?’

मैंने सोचा भी न था कि एक सांसद व् अभिनेत्री मेरे बात के मर्म को हृदयंगम कर लेंगी। हेमा जी ने तत्काल मोबाइल उठाया और सबसे पहले आशा भोंसले जी को डायल कर मेरी बात की पुष्ठि की। आशा जी ने कहा कि वे कभी मथुरा नहीं आईं। इसके बाद हेमाजी ने मेरे सामने शेखर सेन को फोन करके पूछा-‘ क्या आपने सूरदास पर एकल प्रस्तुति की है “? शेखर ने बताया कि उन्होंने कबीर और तुलसी पर तो की है लेकिन सूरदास पर नहीं। ‘ हेमाजी ने कहा कि ”आपको मथुरा आना है और सूरदास पर प्रस्तुति की तैयारी करनी है।’
उस मुलाकात में हेमा जी मुझसे कहा था-‘ एक दिन कोविड के खत्म होते ही मैं चंद्र सरोवर पर महारास के आयोजन में नृत्य प्रस्तुत करूगी।’

अगले दिन मालूम हुआ हेमा जी ‘ब्रज तीर्थ विकास परिषद’ के अधिकारियों के साथ सूर की कुटिया आईं थीं। शेखर सेन भी आये और सूरदास पर स्थानीय विद्वानों ने सामग्री बटोरी और फिर तैयार की लाजबाब स्क्रिप्ट। १९ अक्टूबर के शानदार आयोजन को बहुत कम लोगों ने देखा। क्या ही अच्छा हो यदि शानदार प्रस्तुति को एक बार फिर मथुरा में एक ऐसे स्थल पर किया जाए जहाँ सूर बाबा की सदियों पुरानी यादों को एक बार फिर जीवंत होते हजारों ब्रजवासी देखें।

  • अशोक बंसल

यह भी पढ़े-

सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं से कहा- हमें बीजेपी और आरएसएस का पर्दाफाश करना चाहिए

ताजा समाचार

Lucknow News: ड्यूटी से गायब सफाईकर्मियों का कटेगा वेतन, अपर नगर आयुक्त ने दिए जांच के निर्देश
बिहार: अब मुंगेर में पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने किया पथराव, तीन पुलिसकर्मी घायल, 24 आरोपी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
करण टैकर ने थ्रिलर सीरीज 'Special Ops' के पांच साल पूरे होने का मनाया जश्न, बोले-मुझे अभी भी वह पहला दिन याद है जब...
शाहजहांपुर में बाघ के देखे जाने से ग्रामीणों में डर, पशुओं को बनाया निवाला
Bareilly: 18 से 19 आयु वर्ग के नए मतदाताओं के नाम सूची में शामिल करें
CHC में डॉक्टर समय से नहीं कर रहे ड्यूटी... स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निकाला मास्टर प्लान