अल्मोड़ा: दहशत के आगे मर गई इसलना गांव में इंसानियत

अल्मोड़ा, अमृत विचार। गुरुवार को ताकुला ब्लॉक के इसलना गांव में हुई हैवानियत भरी घटना में मानो मानवता पूरी तरह मर गई। घटना के करीब तीन घंटे तक गंभीर रूप से घायल किशन ग्रामीणों से मदद मांगता रहा। लेकिन लक्ष्मण की दरिदंगी के आगे किसी ने आगे आने की हिम्मत नहीं की। आरोपित जब मौके …
अल्मोड़ा, अमृत विचार। गुरुवार को ताकुला ब्लॉक के इसलना गांव में हुई हैवानियत भरी घटना में मानो मानवता पूरी तरह मर गई। घटना के करीब तीन घंटे तक गंभीर रूप से घायल किशन ग्रामीणों से मदद मांगता रहा। लेकिन लक्ष्मण की दरिदंगी के आगे किसी ने आगे आने की हिम्मत नहीं की। आरोपित जब मौके से हटा तो लोगों का मन पसीजा और दहशत के बीच घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया गया।
गुरुवार की सुबह लोग सोकर उठे भी नहीं थे कि गांव के ही किशन राम के घर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। लोगों ने देखा तो नशे का आदी लक्ष्मण किशन के घर के आगे धारदार हथियार लहरा कर घूम रहा था। सुबह के पांच बजे अचानक हुई इस वारदात से हर कोई स्तब्ध था। लेकिन कुछ ही पल में गांव में दहशत का ऐसा माहौल बना कि गांव का कोई भी व्यक्ति चाहने के बाद भी किशन की मदद को आगे नहीं आ पाया।
गांव में करीब तीन घंटे चले इस खूनी वारदात के बाद करीब आठ बजे आरोपित वहां से चला गया। उसे जाता देख गांव वालों ने जैसे तैसे हिम्मत जुटाई और किशन की मदद को आगे आए। आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसका और उसकी मां का काफी खून बह चुका था।
गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में इससे भी पहले भी दो ऐसी वारदातें हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि लक्ष्मण काफी नशेड़ी किस्म का व्यक्ति है। पत्नी के ग्राम प्रधान बनने के बाद भी उसने अपनी हरकतें कम नहीं की। जिस कारण गांव में उसका खौफ आज भी बना हुआ है। गुरवार को किशन को लेकर अस्पताल आए ग्रामीणों की आंखों में इस घटना का खौफ साफ देखा जा सकता था। लेकिन पुलिस कार्रवाई के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।