रायबरेली: रेल कोच कारखाना की विदेश में हो रही पहचान, जानिए…

रायबरेली। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना लालगंज की पहचान विदेश में भी हो रही है। असल में रेल कोच कारखाना पहली बार भारत में बने रेल डिब्बों को विदेश में निर्यात करने की ओर बढ़ रहा है। इसी के चलते मोजांबिक रेलवे के उच्च अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने कारखाना का दौरा किया। रेल कोच कारखाना …
रायबरेली। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना लालगंज की पहचान विदेश में भी हो रही है। असल में रेल कोच कारखाना पहली बार भारत में बने रेल डिब्बों को विदेश में निर्यात करने की ओर बढ़ रहा है। इसी के चलते मोजांबिक रेलवे के उच्च अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने कारखाना का दौरा किया।
रेल कोच कारखाना के महाप्रबंधक विनय मोहन श्रीवास्तव ने मोजांम्बिक रेलवे के उच्च प्रतिनिधि मिगुएल जोश माटाबेल, अध्यक्ष सीएफएम बोर्ड सहित 5 अन्य सीएफएम बोर्ड मेम्बर और राइट्स के डायरेक्टर टेक्निकल अनिल विज के साथ आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने का निरीक्षण कराया। निरीक्षण टीम को आरेडिका की तरफ से शमशेर सिंह कलसी, प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता और अनिल कुमार सिंह, जीएम राइट्स ने विस्तृत जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान मोजांम्बिक रेलवे के प्रतिनिधियों को कारखाने में हो रहे उत्पादन कार्यों, कोच की गुणवत्ता एवं संरक्षा संबंधी मापदंडों का विस्तृत जानकारी दी गई। मोजांम्बिक सीएफएम के सदस्यों द्वारा रवाना होने वाले 12 कोचों के रेक का विस्तृत निरीक्षण किया।
मोजांबिक को मिला है पहला आर्डर
उल्लेखनीय है कि मोजांम्बिक रेलवे द्वारा राइट्स के माध्यम से आरेडिका को केप गेज (1067 मिमी) के दस विभिन्न प्रकार के 90 कोचों का उत्पादन कर निर्यात करने का पहला ऑर्डर मिला था जिसमें 60 डिब्बें लोकोहाल्ड व 30 डीईएमयू (डीजल इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) के होगें। इसमें से लोकोहाल्ड का एक रैक (12 कोच) मोजांम्बिक जाने के लिए तैयार हैं। इनमें 01 (प्रथम श्रेणी) टू टियर, 02 कोच (द्वितीय श्रेणी) एसी थ्री टियर, 02 वातानुकूलित चेयर कार, 04 जनरल, 01 वातानुकूलित रसोईघर, 01 लगेज वैन और 01 पॉवर कार सम्मिलित है।