लखीमपुर खीरी: हाथी नहीं रुक रहे जंगल में, फसलें कर रहे बर्बाद

बांकेगंज खीरी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। गन्ने की मिठास और नरम धान की फसल से लहलहाते खेत हाथियों को वापस खींच लाए हैं। अब वह वापस नहीं लौटना चाहते। भीरा क्षेत्र में पहुंचने के बाद वापस आकर जटपुरा वन रेंज के सुनहरा भूड़ में तीसरी बार पहुंचे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। बुधवार की रात …
बांकेगंज खीरी/लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। गन्ने की मिठास और नरम धान की फसल से लहलहाते खेत हाथियों को वापस खींच लाए हैं। अब वह वापस नहीं लौटना चाहते। भीरा क्षेत्र में पहुंचने के बाद वापस आकर जटपुरा वन रेंज के सुनहरा भूड़ में तीसरी बार पहुंचे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। बुधवार की रात में वन विभाग द्वारा सहयोग के लिए बुलाये जाने पर भी भयभीत ग्रामीण नहीं पहुंचे। जबकि हाथी फसल को तहस नहस करते रहे।
19 जुलाई को हाथियों ने सुनहरा भूड़, बरौछा, पहाड़नगर के करीब आधा दर्जन किसानों का नुकसान किया था। कुछ किसानों के इंजन उलट दिये थे और कुछ की झोपड़ी गिरा दी थी। उसके बाद 26 जुलाई की रात हाथियों ने इन्हीं गांवों के किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया। किसानों और वन विभाग के संयुक्त प्रयास से भगाये जाने पर हाथी भीरा वन रेंज में चले गये थे।
एक सप्ताह बाद चार अगस्त की रात पुनः सुनहरा भूड़ पहुँचे हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। पुरुषोत्तम, बिहारीलाल,रामनिवास लाल बहादुर, महेश, रामचन्द्र, रामानन्द का लगभग चार एकड़ धान की फसल को हाथियों ने नष्ट किया तो वहीं कुछ किसानों की गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया। रात में हाथियों के आने पर वन्यपशुओं की सुरक्षा में लगे वनकर्मियों ने जब ग्रामीणों को फोन कर जानकारी देते हुए हाथियों को जंगल में खदेड़ने के लिए शोर मचाने की बात कह आगे बढ़कर सहयोग करने के लिए कहा तब भयभीत ग्रामीण नहीं पहुंचे।
सुबह पहुंचे वन दरोगा ने फार्म वितरित किया और उसे भरकर मैलानी जमा करने को कहा। नुकसान भरपाई की लालसा लेकर नियमों से अन्जान ग्रामीण फार्म भरकर मैलानी में भटकते फिरे। जब उन्होंने फार्म जमा करने के लिए मैलानी रेंजर को फोन किया तब उन्होंने बताया कि फार्म पर लेखपाल और वन दरोगा सुरेंद्र से रिपोर्ट लगवाओ तब लाकर जमा करना। ग्रामीण वापस आ गये। हाथियों को जंगल में खदेड़ना दो वनकर्मियों के वश में भी नहीं था इसलिए हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। एक किसान ने बताया कि रात के अंधेरे में हाथी न जाने किधर से आ जाएं इसका भय तो रहता ही है।
लखीमपुर खीरी: सतीश चंद्र मिश्र बोले- समाज को जोड़ने की जगह तोड़ रही भाजपा सरकार