अमृत विचार अभियान : गोशाला में गायों की मौत की खबर छपने के बाद प्रशासन में मची खलबली, सीडीओ और डीपीआरओ पहुंचे रजपुरा
मुरादाबाद/संभल/अमृत विचार। देवरा भूरा गांव के बाड़े में कैद गोवंश की लगातार हो रही मौतों पर आखिरकार मंगलवार को जिला प्रशासन की नींद खुल गई। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और डीपीआरओ को भेजकर वहां की रिपोर्ट मंगायी है। रजपुरा ब्लाक पहुंचकर अधिकारियों ने ग्राम विकास अधिकारी और पशु चिकित्सक को मौके पर भेज मामले …
मुरादाबाद/संभल/अमृत विचार। देवरा भूरा गांव के बाड़े में कैद गोवंश की लगातार हो रही मौतों पर आखिरकार मंगलवार को जिला प्रशासन की नींद खुल गई। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और डीपीआरओ को भेजकर वहां की रिपोर्ट मंगायी है। रजपुरा ब्लाक पहुंचकर अधिकारियों ने ग्राम विकास अधिकारी और पशु चिकित्सक को मौके पर भेज मामले के तथ्य एकत्र किए। अधिकारियों के पहुंचन के बाद बाड़े में चारा पानी का प्रबंध हो गया। मुख्य विकास अधिकारी उमेश त्यागी और जिला पंचायत राज अधिकारी जाहिद हुसैन ने लोगों से घटनाक्रम की जानकारी ली। हालांकि इस बैठक के बाद दोनों अधिकारियों ने मीडिया के सवालों का जवाब देने से मना कर दिया।
विधान सभा चुनाव के दौरान गुन्नौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा होनी थी। इस दौरान छुट्टा पशुओं को लेकर हंगामे की आशंका को देखते हुए तत्कालीन विधायक अजीत कुमार उर्फ राजू ने आनन-फानन में अपने बड़े भाई के स्वामित्व वाले ट्रस्ट की जमीन पर बाड़ा बनवा दिया और इसमें पूरे विधान सभा क्षेत्र में विचरण कर रहे छुट्टा पशुओं को पकड़ कर बंद करा दिया।
मतगणना के दिन तक विधायक के निर्देश पर इन पशुओं के लिए चारा पानी की व्यवस्था होती रही, लेकिन उसके बाद विधायक ने अपने हाथ खींच लिए। ऐसे हालात में यहां बंद पशुओं की भूख और प्यास की वजह से मौत होने लगी। तीन दिन पहले मामला संज्ञान में आने पर अमृत विचार की टीम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। गोवंश की मौत पर सभी जिम्मेदार लोगों की भूमिका पर सवाल उठाया। इसके बाद प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है।
मंगलवार को भी हुई छह गायों की मौत
बाड़े में मंगलवार को भी छह गायों की मौत हुई है। सुबह ग्रामीणों ने गोवंश को मरा देखकर प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया। ग्रामीणों ने बताया कि पशुओं के शव पक्षी और कुत्ते नोंच रहे थे। जबकि कुछ गोवंश मरणासन्न हालत में पड़ी हुई थी। अधिकारियों के निर्देश पर गांव पहुंचे वीडीओ राजीव चौधरी को ग्रामीणों ने यह आंखों देखा हाल बताया है। हालांकि वीडियो के पहुंचने तक पूर्व विधायक के लोगों ने सभी गोवंश के शव जेसीबी की मदद से गड्ढे में दबा चुके थे।
यहां आए दिन गोवंश का शव देखा जा रहा है। बाड़े में ना तो चारे की उचित व्यवस्था है और ना ही पानी ही उपलब्ध है। छाया का तो कोई इंतजाम है ही नहीं। ऐसे में धूप और भूख प्यास से गायों की मौत का सिलसिला जारी है। गायों के खाने की व्यवस्था पहले तो प्रधान कर रहे थे, लेकिन अब वह भी धीरे धीरे हाथ खींच रहे हैं। -भूरा, किसान
पूर्व विधायक से किसान आवारा पशुओं के इंतजाम के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। अचानक से चुनाव के दौरान उन्होंने यह गोवंश का कैदखाना बनवा दिया। यहां रोज रोज हो रही गायों की मौत देखी नहीं जा रही। कई बार गांव के लोगों ने विधायक से शिकायत भी की, लेकिन वह जल्द ही इन गोवंश को कहीं और भेजने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। -रामकेश यादव, किसान
दो सौ से ढाई सौ गोवंश की अब तक मौत हो चुकी है। मेरे घर गांव के बाहर ही है। मैंने खुद एक महीने के अंदर 20 से अधिक गायों को जेसीबी से दबाते देखा है। अगर किसी सबूत चाहिए तो इस बाड़े की जमीन खोद कर साक्षात देख सकता है। जब खाने पीने को नहीं मिलेगा और ऊपर से धूप में भूखी प्यासी पड़ी रहेंगी तो मरने के अलावा क्या होगा। -सतपाल, किसान
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