UP Election 2022 : न दलों को रास आईं महिलाएं, न आधी आबादी को राजनीति

UP Election 2022 : न दलों को रास आईं महिलाएं, न आधी आबादी को राजनीति

भावना/अमृत विचार। राजनीतिक दल महिला हित की तो चिंता जताते हैं, लेकिन चुनाव के वक्त उनको टिकट देने में कदम पीछे खींच लेते हैं। मुरादाबाद नगर सीट इसकी बानगी भर है। कमोबेश यह स्थिति उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की है। 1951 से 2017 तक मुरादाबाद नगर सीट पर केवल एक ही महिला विधायक …

भावना/अमृत विचार। राजनीतिक दल महिला हित की तो चिंता जताते हैं, लेकिन चुनाव के वक्त उनको टिकट देने में कदम पीछे खींच लेते हैं। मुरादाबाद नगर सीट इसकी बानगी भर है। कमोबेश यह स्थिति उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश की है। 1951 से 2017 तक मुरादाबाद नगर सीट पर केवल एक ही महिला विधायक चुनी गईं है। ये भी 1985 में कांग्रेस पार्टी से पुष्पा सिंघल, लेकिन अन्य दलों ने अभी तक महिलाओं पर उम्मीद के मुताबिक भरोसा नहीं जताया है। शायद इसीलिए महिलाएं भी राजनीति से दूर रहीं।

विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में अधिकतर दलों ने पुरुषों पर ही अधिक भरोसा जताया है। कांग्रेस समय-समय पर अपवाद भी रही। 1951 से लेकर अब तक हुए 17 चुनाव में मुरादाबाद शहर सीट से 1985 में पहली बार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पुष्पा सिंघल ने जीत दर्ज कर दबदबा कायम किया। मगर इसके बाद दलों को महिलाएं रास नहीं आईं। हालांकि महिला सशक्तिकरण और नारी उत्थान की लंबी-चौड़ी बात कर दल आधी आबादी का वोट लेने में आगे रहे। महिलाएं भी दलों के छलावे में छलती रहीं। अब जबकि लोकतंत्र में नारी शक्ति को 33 फीसदी भागीदारी की बात जोर शोर से उठी तो सदन में इसका बिल भी आया। मगर इस बिल पर उठापटक को सदन के नजरिये से देश ने देखा। इस बिल से नारी हित की बात करने वाले दलों की असलियत सामने आई।

पुष्पा सिंघल, कांग्रेस विधायक

मुरादाबाद में नगर सीट की बात करें तो 1985 में पुष्पा सिंघल के बाद कोई अन्य महिला को अवसर नहीं, 2022 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा को साकार करते छह में से दो सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया है। अन्य दल इस बार भी महिला को टिकट देने में पीछे हैं। अमृत विचार से बातचीत में मुरादाबाद नगर सीट से पहली महिला विधायक रहीं स्व. पुष्पा सिंघल के बेटे प्रभात सिंघल ने बताया कि उनकी मां ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से विधि स्नातक की शिक्षा ली थी। उस दौर में उन्होंने इलाहाबाद के फूलपुर संसदीय क्षेत्र के हंडिया गांव में पोलिंग बूथ पर कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य किया था। तब इस क्षेत्र से पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में चुनाव लड़ा था।

उन्होंने बताया कि पं. नेहरू ने उनके कार्य और सामाजिक जुड़ाव को देखते हुए उन्हें तोहफे के रुप में मुरादाबाद नगर सीट पर 1985 में चुनाव लड़ने का मौका दिया गया। उस समय मुस्लिम लीग से डॉ. शमीम अहमद चुनाव में दम दिखा रहे थे, लेकिन जनता के आशीर्वाद से पुष्पा सिंघल ने जीत दर्ज कर इस सीट से पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया।

चुनाव लड़ने में नहीं हुई थी परेशानी
उस दौर में प्रत्याशी अपने व्यक्तित्व और ईमानदारी से पहचाने जाते थे। हर कोई उनके व्यक्तित्व को देखकर वोट देता था। ऐसा ही कुछ पुष्पा सिंघल के चुनाव में देखने को मिला। तब महिला होने की वजह से उन्हें काफी सर्मथन मिला था। उस दौर में उनकी गिनती शहर की शिक्षित और प्रतिष्ठित महिलाओं में थी। वह मुरादाबाद में पहली महिला अधिवक्ता और एडिशनल डीजीसी क्रिमिनल रहीं। इसका भी फायदा उन्हें चुनाव में मिला था।

ये भी पढ़ें : कभी ‘नेताजी’की झलक पाने को उमड़ते थे लोग