The buried taziyas
उत्तर प्रदेश  बाराबंकी 

आज शब्बीर पे क्या आलम ए तन्हाई है...नम आंखों से दफन किए ताजिये

आज शब्बीर पे क्या आलम ए तन्हाई है...नम आंखों से दफन किए ताजिये बाराबंकी, अमृत विचार। आज शब्बीर पे क्या आलम एक तन्हाई है... शाहे कर्बला लीजिए सलाम। बुधवार को मोहर्रम के जुलूस में यह सदाएं गूंजती रहीं। काले लिबास में नंगे पैर या हुसैन की आवाज बुलंद करते सीनाजनी से मातम मनाते...
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