Bashir Badr
साहित्य 

Bashir Badr Ghazal: कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नजर को खबर न हो

Bashir Badr Ghazal: कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नजर को खबर न हो कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नज़र को ख़बर न हो मुझे एक रात नवाज़ दे मगर इस के बा'द सहर न हो  वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे तुझे भूलने...
Read More...

Advertisement

Advertisement