सेंट स्टीफंस की याचिका पर उच्चतम न्यायालय का आदेश स्वागत योग्य: दिल्ली विश्वविद्यालय
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने बुधवार को सेंट स्टीफंस कॉलेज के संबंध में उच्चतम न्यायालय की ओर से दिए गए आदेश का स्वागत करते हुए उम्मीदवारों को आश्वासन दिया कि स्नातक पाठ्यक्रमों की दाखिला प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं होगी और यह तय समय के अनुसार ही संचालित होगी। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय …
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने बुधवार को सेंट स्टीफंस कॉलेज के संबंध में उच्चतम न्यायालय की ओर से दिए गए आदेश का स्वागत करते हुए उम्मीदवारों को आश्वासन दिया कि स्नातक पाठ्यक्रमों की दाखिला प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं होगी और यह तय समय के अनुसार ही संचालित होगी। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रवेश नीति का पालन करने के लिए कहा गया है।
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शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ सेंट स्टीफंस कॉलेज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसे दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति का पालन करने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने पुष्टि की कि विश्वविद्यालय बुधवार शाम पांच बजे तक स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीटों की पहली सूची की घोषणा करेगा। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सेंट स्टीफंस की याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनवाई किए जाने के कारण विश्वविद्यालय ने सूची जारी करने को एक दिन के लिए टाल दिया है।
रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा, शीर्ष अदालत ने सही भावना से यह फैसला किया है, जो स्वागत योग्य है। अदालत के संबंध में हमने सूची में देरी की। हम छात्रों के लिए हैं। उन्हें दाखिले के दौरान कोई समस्या नहीं होगी। छात्रों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। दाखिला प्रक्रिया निर्धारित समय के अनुसार ही आयोजित की जाएगी। नया सत्र दो नवंबर से शुरू होगा। उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर को इस ईसाई अल्पसंख्यक संस्थान को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई दाखिला नीति का पालन करने के लिए कहा था, जिसके अनुसार स्नातक पाठ्यक्रमों में गैर-अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्रवेश देते समय साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी)-2022 के स्कोर का शत-प्रतिशत वेटेज (मान) देना होता है।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि कॉलेज गैर-अल्पसंख्यक श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए साक्षात्कार आयोजित नहीं कर सकता और ऐसे विद्यार्थियों का प्रवेश केवल सीयूईटी स्कोर के अनुसार होना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा था कि संविधान के तहत अल्पसंख्यक संस्थान को दिए गए अधिकारों को गैर-अल्पसंख्यकों को नहीं दिया जा सकता है। इसने कहा था कि स्नातक पाठ्यक्रमों में गैर-अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए कॉलेज के पास सीयूईटी स्कोर के अलावा, साक्षात्कार आयोजित करने का भी अधिकार है, लेकिन यह गैर-अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को अतिरिक्त रूप से साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। हालांकि, सेंट स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी को 85 प्रतिशत वेटेज देना चाहता है और साक्षात्कार को 15 प्रतिशत वेटेज देते हुए हर श्रेणी के छात्रों को दाखिला देना चाहता है।
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