सुल्तानपुर: वेतन न मिलने से शिक्षकों ने किया चाक डाउन, डीआईओएस के प्रति जताई नाराजगी

सुल्तानपुर। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ शिक्षकों की चल रही समस्याओं को लेकर तीन माह से अन्य का भी वेतन अटका हैं। वेतन न मिलने से शहर के महात्मा गांधी स्मारक इंटर कालेज में मंगलवार को शिक्षकों ने चाक डाउन कर आंदोलन शुरू कर दिया। विद्यालय प्रबंधन व जिला विद्यालय निरीक्षक पर दोषारोपण करते हुए …
सुल्तानपुर। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ शिक्षकों की चल रही समस्याओं को लेकर तीन माह से अन्य का भी वेतन अटका हैं। वेतन न मिलने से शहर के महात्मा गांधी स्मारक इंटर कालेज में मंगलवार को शिक्षकों ने चाक डाउन कर आंदोलन शुरू कर दिया। विद्यालय प्रबंधन व जिला विद्यालय निरीक्षक पर दोषारोपण करते हुए शिक्षकों ने वेतन न मिलने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।
एमजीएस में करीब 70 शिक्षक है। 10 तदर्थ शिक्षक है। इसमें पांच को वेतन मिलता था और पांच अवैतनिक कार्य कर रहे हैं। तदर्थ शिक्षकों का मई से वेतन रोक दिया गया है। विद्यालयों से वेतन बिल बनाकर डीआईओएस कार्यालय भेजा जाता है। इसके बाद वेतन भुगतान की कार्यवाही की जाती है पर, शासन के आदेश पर प्रबंधकों को तदर्थ शिक्षकों को हटाकर वेतन बिल प्रस्तुत करने को कहा गया है।
इसी को लेकर नियमित शिक्षकों को भी वेतन अटका हुआ है। यहां आंदोलन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि हम लोग विद्यालय प्रबंधन और जिला विद्यालय निरीक्षक के ढुलमुल रवैए के चलते दो पाटों में फंस गए हैं। तीन माह से वेतन न मिलने के बावजूद कर्तव्यों का निर्वहन किया जाता रहा। अब आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। ओम प्रकाश सिंह, श्यामलाल निषाद, अरविंद कुमार सिंह, देवेश चंद्र मिश्र, कन्हैया बक्श सिंह, पवन कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह, डा. अजय कुमार सिंह आदि ने वेतन रोके जाने पर आक्रोश व्यक्त किया। कहा कि जब तक भुगतान नहीं हो जाएगा, कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
बच्चों को स्वअध्याय के लिए कहा गयाः प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य अशोक कुमार सिंह का कहना है कि जिला विद्यालय निरीक्षक ने तदर्थ शिक्षकों के जून के वेतन बिल की संस्तुति करने से इन्कार कर दिया है। उनका कहना कि सिर्फ नियमित शिक्षकों को ही वेतन दिया जाएगा। चाक डाउन के कारण बच्चों को स्वअध्याय के लिए कहा गया है। वहीं, डीआईओएस एसके सिंह ने कहा कि विद्यालयों की ओर वेतन बिल प्रस्तुत करने के बाद ही भुगतान किया जा सकता है। पर, कतिपय विद्यालयों की ओर से वेतन बिल ही प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें:-बरेली: वेतन न मिलने से नाराजगी, धरना प्रदर्शन करेंगे बिजली संविदा कर्मचारी