रामपुर: भोट में हुए दोहरे हत्याकांड में छह लोगों को उम्रकैद की सजा, एक बरी
रामपुर, अमृत विचार। दोहरे हत्यकांड में बुधवार को एडीजे तीन/स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट की कोर्ट ने 12 साल के बाद इस मामले में छह लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी पर 45 हजार का जुर्माना भी डाला गया है,जबकि एक को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। गौरतलब …
रामपुर, अमृत विचार। दोहरे हत्यकांड में बुधवार को एडीजे तीन/स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट की कोर्ट ने 12 साल के बाद इस मामले में छह लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी पर 45 हजार का जुर्माना भी डाला गया है,जबकि एक को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि भोट थाने में तैनात दरोगा मोहनलाल 15 मई 2010 को शाम सात बजे सिपाही राम सिंह के साथ थूनापुर से खुर्शीदनगर की तरफ गश्त से आ रहे थे, जब पातीराम के ईट भट्टे के पास पहुंचे तो देखा कि एक कार सड़क किनारे लावारिस खड़ी थी। दरोगा ने अधिकारियों को सूचना दी थी। जिसके बाद कार को खोलकर देखा तो उसमें एक बोरा था। जिसमें एक युवक का शव मिला।
उसके बाद पुलिस ने कार की डिक्की खोलकर देखा, तो उसमें भी एक बोरा मिला। जिसको खोलने पर महिला का शव मिला था। बाद में दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। वहां से मिले कागजातों के आधार पर महिला की सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रफत कालोनी निवासी मंजू के रूप में शिनाख्त हुई थी, जबकि युवक की शिनाख्त सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रजा टैक्सटाइल्स कालोनी निवासी कुशलपाल के रूप में की गई थी।
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन विवेचना के दौरान मृतक के भाई बंटी के बयानों के आधार पर पुलिस ने महीपाल मास्टर और राजकिशोर को उठाया था। जहां सख्ती से पूछताछ करने बाद राजकिशोर ने बताया कि दोनों की हत्या टांडा के लांबाखेड़ा में एक घर में करने के बाद शवों कार में डालकर भोट छोड़ दिया था। जिसमें रंजिश होने की बात सामने आई थी। पुलिस ने इस हत्या में सात अन्य लोगों के नाम भी शामिल किए थे।
जिनको नामजद करते हुए सभी को जेल भेज दिया था। बाद में पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। जिसकी सुनवाई एडीजे तीन/स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट कोर्ट के पीठासीन अधिकारी विजय कुमार दितीय ने इस मामले में राजकिशोर उर्फ राज उर्फ दुरिया पुत्र राजवीर सिंह निवासी कोठी खास बाग थाना सिविल लाइन,
महीपाल मास्टर पुत्र बिहारीलाल निवासी चिकटी रामनगर थाना पटवाई, अनवर उर्फ एहसान पुत्र रमजानी निवासी ग्राम मंसूरपुर थाना सिविल लाइन, शाकिर पुत्र करीम निवासी ग्राम मंसूरपुर थाना सिविल लाइन ,फारूख पुत्र चन्दा निवासी ग्राम मंसूरपुर थाना सिविल लाइन,
तरनजीत उर्फ मनी पुत्र प्रीतम सिंह निवासी हाथीखाना धारा 302 में आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये एवं धारा 201 भादवि में तीन वर्ष कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया गया, जबकि टीकाराम को बरी कर दिया था, जबकि डाक्टर ने अपने बयान में लाशों को तीन दिन पुराना बताया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा सिंह राणा ने बताया कि दोहरे हत्याकांड में छह आरोपियों को 45 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
कार में महिला के साथ महीपाल भी देखा गया
भोट में हुए दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने हत्या का खुलासा मृतक कुशलपाल के भाई के आधार पर किया था। जहां उसके भाई बंटी ने पुलिस को बताया था, कि उसकी कार से उसका भाई कुशलपाल और महीपाल किसी काम से मुरादाबाद जाने का कहकर निकले थे, लेकिन भोट में शव मिलने के बाद परिजनों के होश उड़ गए थे। उसके बाद पुलिस ने महीपाल को हिरासत में लेकर इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा किया था।
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