पीलीभीत: SBI के होम लोन की धनराशि का दुरुपयोग, पांच पर होगी FIR

पीलीभीत,अमृत विचार। स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा एलएच शुगर फैक्ट्री के तीन प्रार्थना पत्रों पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय कुमार सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जिसमें पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसबीआई शाखा एलएच फैक्ट्री के शाखा प्रबंधक की ओर से सीजेएम कोर्ट में दिए पहले प्रार्थना पत्र में मोहलला …

पीलीभीत,अमृत विचार। स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा एलएच शुगर फैक्ट्री के तीन प्रार्थना पत्रों पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय कुमार सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जिसमें पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है।

एसबीआई शाखा एलएच फैक्ट्री के शाखा प्रबंधक की ओर से सीजेएम कोर्ट में दिए पहले प्रार्थना पत्र में मोहलला मोहम्मद फारुख निवासी राजीव कुमार पुत्र फूलचंद सक्सेना दूसरे प्रार्थना पत्र में नकटादाना कालोनी निवासी हरि सुमरन पुत्र खूबचंद, देवकी देवी पत्नी खूबचंद और तीसरे प्रार्थना पत्र में मोहल्ला मदीनाशाह निवासी रवि कुमार पुत्र दीनदयाल, मूंगा देवी पत्नी दीनदयाल को आरोपी बनाया गया है।

पहले प्रार्थना पत्र में आरोप है कि राजीव कुमार ने जान बूझकर बदनियती से बैंक को नुकसान पहुंचाने एवं खुद को लाभ पहुंचाने के आशय से धोखाधड़ी कर 31 अगस्त 2015 से 28 अप्रैल 2016 के मध्य शाखा से 13 लाख रुपये होम लोन लिया। राजीव कुमार ने आवश्यक ऋण दस्तावेज बैंक के हक में निस्पादित किए थे। जिसमें उसकी कीमत वैल्यू के अनुसार 3.42 लाख रुपये थी। निर्माण के उपरांत भवन की कीमत 16.42 लाख होनी चाहिए थी, लेकिन वैल्यूअर की आख्या के अनुसार राजीव कुमार के उपरोक्त प्रश्नगत भवन की कीमत मात्र 7,25,547 रुपये होती है।

राजीव कुमार को उपरोक्त बैंक द्वारा दी गई ऋण धनराशि का उपयोग भवन के निर्माण में इस प्रकार करना था कि उसकी कीमत 16.42 लाख से अधिक होनी चाहिए। न्यायालय से इस प्रार्थना पर सुनवाई के बाद एफआईआर के आदेश दिए गए है। इसी तरह से दूसरे मामले में आरोपी हरि सुमिरन व देवकी देवी ने बैंक से 17 लाख रुपये ऋण लिया। उनके भूखंड/भवन की कीमत वैल्यूअर के अनुसार 3,67,200 रुपये थी। भवन निर्माण के उपरांत इसकी कीमत 20,67,200 रुपये होनी चाहिए थी।

मगर, भवन की कीमत 13,96,550 रुपये है। इस प्रकार दोनों ने ऋण की संपूर्ण धनराशि भवन निर्माण में न करके बदनियती एवं जान बूझकर धनराशि का उपयोग खुद को लाभ पहुंचाने के लिए किया। इसके अलावा तीसरे प्रार्थना पत्र में आरोप है कि रवि कुमार और मूंगा देवी ने 9.50 लाख रुपये का होम लोन लिया था।

उनके भूखंड/भवन की कीमत वैल्यूअर के अनुसार 8.77 लाख थी। निर्माण के बाद 18.27 लाख होनी चाहिए थी। इन्होंने भी ऋण की धनराशि का इस्तेमाल खुद को लाभ पहुंचाने के लिए किया। बैंक द्वारा वैल्यूअर से भवन की कीमत निकलवाने पर महज 887145 रुपये आई। इन एसबीआई के शाखा प्रबंधक के तीनों प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के बाद सीजेएम विजय कुमार सिंह ने थानाध्यक्ष सुनगढ़ी को एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं।

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