बरेली: पहले मजार बनाई, फिर बनाया ट्रस्ट...वक्फ के नाम पर हड़पी सरकारी जमीन
बरेली, अमृत विचार: सीबीगंज थाना क्षेत्र में कब्रिस्तान की सरकारी जमीन को वक्फ बोर्ड का बताकर कब्जा करने के मामले में एक आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जबकि अन्य 10 आरोपी घरों में ताला डालकर फरार हैं।
जांच में पता चला है कि आरोपी ने पहले मजार बनाई, उसके बाद फर्जी कागजात तैयार कर चेरिटेबिल ट्रस्ट के नाम से पंजीकरण कराया। फिर सुन्नी सेंट्रल बोर्ड लखनऊ के वक्फ बोर्ड में जमीन दर्ज कराकर प्रबंध समिति में खुद अध्यक्ष बन गया था।
सीबीगंज थाना क्षेत्र के गांव सारनिया निवासी पुत्तन शाह ने एसएसपी से इस मामले की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि कब्रिस्तान की जो सरकारी जमीन है, उस पर गांव के ही सब्जे अली ने सैय्यद हामिद हसन नाम के एक फकीर को पेश कर उस पर कब्जा कर लिया। हामिद हसन की मौत के बाद उनकी पक्की मजार बना ली गई और तीन बीघा जमीन कब्जा ली गई। पुत्तन शाह ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई।
आरोपी ने पहले बनाई मजार, फिर ट्रस्ट
पुत्तन शाह ने बताया कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां पहले मजार बनाई गई। आरोपी ने सैयद हामिद हसन दरगाह चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम से 24 नवंबर 2020 को पंजीकरण कराया। सब्जे अली ने खुद को, पत्नी जकीरा, चार बेटियां फरहानाज, गुलनाज, शना जाफरी, राहिला जाफरी और पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड मनीष कुमार को अवैध रूप से कब्जा की गई संपत्ति का ट्रस्टी नामित करा दिया।
सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड के नाम पर सब्जे अली ने करोड़ों रुपये की जमीन पर कब्जा कर लिया। जांच हुई तो राजस्व रिकॉर्ड में जमीन सरकारी निकली। एसएसपी के आदेश पर थाने में 11 लोगों के खिलाफ वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद बरेली में पहली रिपोर्ट दर्ज की गई। साथ ही एसएसपी ने पूरे मामले की जांच एसपी सिटी मानुष पारीक को सौंप दी गई है।
ये भी पढ़ें- बरेली: फर्जी ट्रक चोरी की रिपोर्ट से लूटते थे फाइनेंस कंपनियां, 6 करोड़ की ठगी में 5 गिरफ्तार
