अब कम खर्च में बरेली में ही हो सकेगा घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन की जोड़ प्रत्यारोपड़ की 2022 की वार्षिक वर्कशॉप के आयोजन की जिम्मेदारी बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन को मिली है। कार्यशाला के आयोजन सचिव डा. विनोद पागरानी ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि आमतौर पर यह कार्यशाला एक दिवसीय होती है लेकिन बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के विशेष आग्रह पर इस कार्यशाला …
बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन की जोड़ प्रत्यारोपड़ की 2022 की वार्षिक वर्कशॉप के आयोजन की जिम्मेदारी बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन को मिली है। कार्यशाला के आयोजन सचिव डा. विनोद पागरानी ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि आमतौर पर यह कार्यशाला एक दिवसीय होती है लेकिन बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के विशेष आग्रह पर इस कार्यशाला को दो दिवसीय किया जाएगा, जिससे कि ज्यादा विस्तृत तरीके से किया जा सके। बताया कि मृत शरीर पर कूल्हा एवं घुटना बदलने का प्रयास किया जाएगा, जिसे केडेवेरिक अर्थोप्लास्टी कोर्स कहा जाता है। इस तरह की यह आठवीं कार्यशाला है।
उन्होंने बताया कि 2 जुलाई को सुबह के सत्र में कूल्हा बदलने की विधि को सिखाने के लिए लेक्चर होगा फिर कार्यशाला का उद्घाटन समारोह रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज के सभागार में दोपहर 1.30 बजे किया जाएगा। उसके बाद मृत शरीर पर उसका प्रेक्टिकल देश-विदेश से आये हुए वरिष्ठ हड्डी रोग सर्जन करेंगे। इस विधि को सीखने आए हुए हड्डी रोग सर्जन देखेंगे व इस विधि का अभ्यास भी करेंगे। सात मृत शरीरों की व्यवस्था रोहिलखंड मेडिकल कालेज द्वारा की गई है। इसके साथ ही 3 जुलाई को सुबह के सत्र में घुटने को बदलने की विधि लेक्चर के द्वारा बताई जाएगी। उसके बाद उस विधि का भी प्रेक्टिकल मृत शरीर पर किया जाएगा।
35 हड्डी रोग सर्जन सिखाएंगे
बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के सचिव डॉ आदित्य माहेश्वरी ने बताया कि वर्कशॉप में देश-विदेश में ख्याति प्राप्त लगभग 35 हड्डी रोग सर्जन सिखाने के लिए आ रहे हैं। ऑर्गनाइजिंग को-चेयरमैन डॉ मनोज हिरानी ने बताया कि लगभग 200 हड्डी रोग सर्जन इस कार्यशाला में कोर्स को सीखने के लिए आ रहे हैं। यह बरेली चिकित्सा जगत का बड़ा सौभाग्य है कि इतना बड़ा कोर्स बरेली में हो रहा है।
नई तकनीकों का होगा आदान-प्रदान
जॉइंट ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा. वरुण अग्रवाल ने बताया कि सीखने वाले डॉक्टर्स के बहुत सारे रजिस्ट्रेशन भी हुए हैं। इस कोर्स के माध्यम से कूल्हा व घुटना बदलने की नई तकनीकों का आदान प्रदान होगा, जिससे आमजन लाभान्वित होंगे। उन्हें बड़े शहरों में ज्यादा खर्च करके जोड़ प्रत्यारोपड़ करवाने नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि उनका यह काम बरेली शहर में कम खर्च में हो जाया करेगा। प्रेसवार्ता में डा. संजय गुप्ता, डा. प्रमेन्द्र माहेश्वरी, डा. आर के सिंह, डा. रविन्द्र प्रताप सिंह, डा. राकेश गुप्ता, डा. एसके कौशिक, डा. प्रवीण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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