नए संसद भवन पर लगे ‘शेर’ आक्रामक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत भारत के नए संसद भवन पर बनाए गए अशोक स्तंभ के स्वरूप को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। दो वकीलों की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय प्रतीक में लगे शेरों की मुद्रा पर सवाल उठाया गया था। ये भी पढ़ें- …

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत भारत के नए संसद भवन पर बनाए गए अशोक स्तंभ के स्वरूप को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी। दो वकीलों की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय प्रतीक में लगे शेरों की मुद्रा पर सवाल उठाया गया था।

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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि भारत के नए संसद भवन लगाई गई शेर की मूर्ति कानून का उल्लंघन नहीं करती है। साथ ही कोर्ट ने आक्रामक मूर्ति के दावे पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि नई मूर्ति स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रोहिबिशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट, 2005 में मंजूरी प्राप्त राष्ट्रीय प्रतीक की डिजाइन के विपरीत है। हालांकि, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया।

याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में कहा गया है कि प्रतीक में शामिल शेर क्रूर और आक्रामक नजर आ रहे हैं, जिनका मुंह खुला हुआ है और दांत दिख रहे हैं। जबकि, सारनाथ में मूर्ति के शेर शांत नजर आ रहे हैं। आगे कहा गया है कि चारों शेर बुद्ध के विचार दिखाते हैं। याचिका के अनुसार, यह महज एक डिजाइन नहीं है, इसका अपना सांस्कृतिक महत्व है।

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