मुरादाबाद: डीआईजी की हाईप्रोफाइल क्राइम मीटिंग में थानेदारों के छूटे पसीने

मुरादाबाद, अमृत विचार। डीआईजी शलभ माथुर मंगलवार रात पूरे रौ में रहे। लापरवाह थाना प्रभारियों पर सख्ती करते हुए उन्होंने कार्यप्रणाली में सुधार की हिदायत दी, तो ऐसे पुलिस अधिकारियों को सुधरने की चेतावनी दी, जो दायित्व से खिलवाड़ कर रहे हैं। डीआईजी के तेवर से थानेदारों के पसीने छूट गए। कार्रवाई में कोताही व …
मुरादाबाद, अमृत विचार। डीआईजी शलभ माथुर मंगलवार रात पूरे रौ में रहे। लापरवाह थाना प्रभारियों पर सख्ती करते हुए उन्होंने कार्यप्रणाली में सुधार की हिदायत दी, तो ऐसे पुलिस अधिकारियों को सुधरने की चेतावनी दी, जो दायित्व से खिलवाड़ कर रहे हैं। डीआईजी के तेवर से थानेदारों के पसीने छूट गए।
- कार्रवाई में कोताही व विवेचना में लापरवाही पर फूटा गुस्सा
- गोतस्कर, माफिया व अपराधियों के खिलाफ सख्ती के आदेश
डीआईजी ने एसपी सिटी कार्यालय में मंगलवार देर रात करीब तीन घंटे तक हाईप्रोफाइल क्राइम मीटिंग की। एसएसपी हेमंत कुटियाल, एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व एसपी सिटी संदीप कुमार मीणा को अपराध नियंत्रण की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने पहले गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद भी अपराधियों की संपत्ति जब्त करने में विफल थानेदोरों को फटकार लगाई।
कुंदरकी, पाकबड़ा, मूंढापांडे व ठाकुरद्वारा के थाना प्रभारियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करते हुए डीआईजी ने उनके सामने सवालों की बौछार कर दी। ठाकुरद्वारा थाना प्रभारी से डीआईजी ने पूछा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी खनन माफियाओं की गिरफ्तारी में पुलिस क्यों विफल है? इतना ही नहीं ठाकुरद्वारा पुलिस को आइना दिखाने तक से डीआईजी चूके नहीं। उन्होंने कहा कि आपके थाने से वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी बरेली एसटीएफ कर रही है। जबकि अभियुक्त की गिरफ्तारी थानास्तर से होनी चाहिए।
फरार अभियुक्तों की अविलंब गिरफ्तारी का आदेश देते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वयं ठाकुरद्वारा पुलिस की भूमिका पर पैनी नजर रखे हैं। एससी-एसटी के एक मामले में मूंढापांडे थाना प्रभारी द्वारा एक युवक को थाने में बिठाने के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने संवेदनशील प्रकरण में त्वरित कार्रवाई का आदेश थाना प्रभारी को दिया। सीओ बिलारी डाॅ. गणेश कुमार गुप्ता से कुंदरकी में दर्ज क्रास मुकदमे पर सवाल जवाब किए। दुष्कर्म के मुकदमे में आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस की विफलता पर पाकबड़ा थाना प्रभारी मोहित चौधरी से पूछा कि कार्रवाई की तलवार लटकने के बाद थानेदारों की नींद क्यों टूटती है? कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत देते हुए डीआईजी ने कहा कि सिविल लाइंस, कटघर व मझोला थाना क्षेत्र से शिकायतें मिलने का सिलसिला नहीं थम रहा। प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का समयबद्धता के साथ निस्तारण करें।
दो थाने के इंस्पेक्टर क्राइम मीटिंग से बाहर
मुरादाबाद। डीआईजी की क्राइम मीटिंग में मुरादाबाद के दो थानेदार मौजूद नहीं थे। ऐसे में उनका प्रतिनिधित्व थाने के क्राइम इंस्पेक्टर कर रहे थे। इस पर सवाल उठाते हुए डीआईजी ने कुंदरकी व भोजपुर थाने के क्राइम इंस्पेक्टर को मीटिंग से बाहर होने का आदेश दे दिया और दोनों थानेदारों की अचानक छुट्टी लेकर गायब होने पर भी नाराजगी जाहिर की। पूछताछ में पता चला कि दोनों थानेदार आकस्मिक अवकाश पर हैं। भोजपुर थाना प्रभारी सुनील कुमार के बैठक से गायब होने व विवेचना में लापरवाही बरतने पर एसपी देहात संदीप कुमार मीणा को जांच का आदेश दिया।
गले के नीचे नहीं उतरी साहब की दलील
क्राइम मीटिंग के दौरान एक साहब ने उन थानेदारों को आगाह किया, जिन पर प्राथमिकी मनमानी दर्ज करने का आरोप है। मिटिंग हाल से बाहर निकलने के बाद एक दूसरे से खुसर-फुसर करते हुए उन्होंने कहा कि जब दौर अधिकारियों से आईपीसी की धारा तक पूछ कर लिखने का है, तब पूरा मुकदमा अपनी मर्जी से लिखने का दुस्साहस भला कौन कर सकता है? साहब के उलट थानेदारों की दलील ने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए।
गोकशों पर होगी सख्ती
डीआईजी ने सबसे अधिक बल गोकशों पर सख्ती करने पर दिया। उन्होंने गोकशों को गैंगस्टर के तहत पाबंद करने व उनकी संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए। डीआईजी ने कहा कि मुरादाबाद में गोकशी की घटनाएं पूरी तरह थमी नहीं हैं। गोकशी की घटनाओं को हर हाल में रोकना होगा।
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