बीकेटी में करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले

बीकेटी में करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक शौचालयों में लटक रहे ताले

लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में बनवाए गए सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों के प्रयोग में नहीं आ रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों में ताला लटक रहा है तो कहीं जगह कार्य अब भी अपूर्ण है। ऐसे में शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है और जिम्मेदार इस ओर …

लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में बनवाए गए सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों के प्रयोग में नहीं आ रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों में ताला लटक रहा है तो कहीं जगह कार्य अब भी अपूर्ण है। ऐसे में शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है और जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बख्शी का तालाब विकास खंड के जिम्मेदार अधिकारियों के मुताबिक विकास खंड की 94 ग्राम पंचायतों में 89 शौंचालय उपयोग हो रहे हैं।ग्रामीणों के मुताबिक अधिकारी केवल मात्र कागजी घोड़े ही दौड़ा रहे है।

जबकि जमीनी हकीकत यह है कि लगभग सभी सामुदायिक शौंचालयों में ताले ही लटक रहे हैं।विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। विकास खंड से जुड़े कर्मचारियों की मानें तो शासन स्तर से यह दिशा निर्देश पूर्व में ही जारी है कि ग्राम पंचायतों में कोई भी विकास कार्य कराने से पूर्व वहां ग्रामीणों की सुविधा के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण कराना हैं।

जिसका पालन खंड विकास के जिम्मेदारों ने कराते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य कराया गया। भवन तैयार होने के साथ ही रंग-रोगन का कार्य भी काफी समय पूर्व पूर्ण हो चुका, लेकिन सामुदायिक शौचालय स्थानीय ग्रामीणों के प्रयोग के लिए कब खुलेंगे, इसको ग्राम प्रधान से लेकर जिम्मेदार तक नहीं बता पा रहे हैं। विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मदारीपुर में तैयार सामुदायिक शौचालय में अब भी ताला लटक रहा हैं। वहां के लोगों का कहना है कि कई माह पूर्व सार्वजनिक शौचालय तैयार हुआ, लेकिन यह लोगों के प्रयोग के लिए कब सुपुर्द होगा कोई नहीं जानता। गेट पर ही ताला लटक रहा है।

वहीं ग्राम पंचायत बरगदी कला में पंचायत भवन के करीब बना सामुदायिक शौचालय रंग-रोगन के बाद भी ग्रामीणों के प्रयोग में नहीं आ रहा।यही हाल ग्राम पंचायत उसरना व दुघरा में बने सार्वजनिक शौचालय का है।जहां प्रयोग से पहले ही रनिंग वॉटर का पाइप क्षतिग्रस्त हो चुका है।वहीं अगर मानकों के तौर पर देखा जाए तो लगभग सभी सामुदायिक शौंचालय आज भी अधूरे हैं।जिला पंचायत सदस्य महेश रावत ने कहा कि ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये खर्च कर बने सार्वजनिक शौचालय ग्रामीणों के लिए निष्प्रयोज हैं। तमाम ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण होने के बाद भी लोगों के प्रयोग की जगह उस पर ताला लगा हुआ है।

समुदायिक शौचालयों में ताला लगाया जाना पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। मामले को संज्ञान में लेते हुए यथाशीध्र ताला हटवाते हुए लोगों के प्रयोग के लिए सुलभ कराया जाएगा… सिद्धार्थ कुमार उपजिलाधिकारी, बख्शी का तालाब,लखनऊ।

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