लखीमपुर-खीरी: खतौनी में दर्ज है नाम, दे रहे जमीन का लगान फिर भी वन विभाग कह रहा भूमाफिया

लखीमपुर-खीरी: खतौनी में दर्ज है नाम, दे रहे जमीन का लगान फिर भी वन विभाग कह रहा भूमाफिया

अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। थाना मैलानी के गांव नारंग के सैकड़ों ग्रामीणों के नाम दशकों से राजस्व अभिलेखों में बतौर पट्टेदार जमीन दर्ज है। पट्टा धारक लगान भी राजस्व विभाग को लगातार जमा कर रहा है। इसके बाद भी वह वनिवभाग की नजर में बेईमान है। वन विभाग कथित जमीन विभाग की होने का दावा कर …

अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। थाना मैलानी के गांव नारंग के सैकड़ों ग्रामीणों के नाम दशकों से राजस्व अभिलेखों में बतौर पट्टेदार जमीन दर्ज है। पट्टा धारक लगान भी राजस्व विभाग को लगातार जमा कर रहा है। इसके बाद भी वह वनिवभाग की नजर में बेईमान है। वन विभाग कथित जमीन विभाग की होने का दावा कर रहा है।

उसने जमीन पर काबिज लोगों को नोटिस जारी कर जमीन को खाली करने के निर्देश दिए हैं। नोटिस मिलने के बाद से पट्टा धारकों में खलबली मची हुई है। बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं ग्रामीणों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन देकर जमीन खाली न कराए जाने की मांग की।

तहसील गोला गोकर्णनाथ के थाना मैलानी के गांव नारंग की सैकड़ों महिलाएं ग्रामीणों के साथ डीएम कार्यालय पहुंची। संगीता देवी, अशर्फी देवी, शकुंतला देवी आदि महिलाओं ने बताया कि उनके पूर्वज गोरखपुर और देवरिया से दशकों पहले गांव नारंग आए थे और यहां पर बस गए थे।

बुजुर्ग बताते हैं कि यह जमीन जमींदार बडे भवर साहब की थी, जिन्हें जमींदार ने पट्टे पर दिया था। खतौनी में सभी खातेदारों के नाम भी दर्ज हैं। वह लोग दशकों से जमीन का लगान भी देते आए हैं। साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता था, लेकिन 17 जुलाई 1992 के बाद से सरकार से उन्हें मिलने वाली सभी सुविधाएं रोक दी। सरकारी सुविधाओं का लाभ न मिलने से वह काफी परेशान हैं और आर्थिक तंगी का भी सामना कर रहे हैं।

वन विभाग इस जमीन को अपनी बता रहा है और जमीन को खाली करने की नोटिस भी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि वनिवभाग गांवों में उन्हें अतिक्रमणकारी व भूमाफिया जैसे शब्दों से नवाजा जा रहा है और वन विभाग इसका प्रचार प्रसार भी कर रहा है। इससे विद्यालयों में पढ़ने वाले उनके बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उनकी मानसिक स्थिति भी खराब हो रही है।

डीएम कार्यालय आईं महिलाओं का कहना है कि उनके पास जीवन यापन के लिए सिर्फ पट्टे की जमीन ही कमाई का जरिया है। महिलाओं ने डीएम को ज्ञापन देकर भूमि खाली न कराए जाने की मांग की है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने डीएफओ नार्थ को मामले की जांच कर आख्या तलब की है।

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