अगर आप भी मां बनने वाली हैं तो जानिए आपके लिए क्या सही है, ‘सी-सेक्शन या नार्मल डिलीवरी’

अगर आप भी मां बनने वाली हैं तो जानिए आपके लिए क्या सही है, ‘सी-सेक्शन या नार्मल डिलीवरी’

मां बनना एक प्यारा एहसास होता है। पहली बार मां बनना एक नई जिंदगी का शुरु होने जैसा है। एक तरफ पहली बार मां बनने की खुशी होती है तो वहीं दूसरी और डिलीवरी की टेंशन सताती है। मां बनने के लिए एक लड़की को काफी कुछ सहना होता है। जब एक लड़की पहली बार …

मां बनना एक प्यारा एहसास होता है। पहली बार मां बनना एक नई जिंदगी का शुरु होने जैसा है। एक तरफ पहली बार मां बनने की खुशी होती है तो वहीं दूसरी और डिलीवरी की टेंशन सताती है। मां बनने के लिए एक लड़की को काफी कुछ सहना होता है। जब एक लड़की पहली बार मां बनती है तो उसके मन में सबसे ज्यादा टेंशन डिलीवरी को लेकर रहती है। एक तरफ मां बनने से पहले मन में सी-सेक्शन का डर तो होता है तो वहीं साथ ही नार्मल डिलीवरी का भय भी सताता है। जहां एक तरफ सब चाहते हैं कि बच्चे की नोरमल डिलवीरी हो जाए, वहीं दूसरी और मां घबराती भी है। घबराए भी क्यों न, नार्मल डिलवरी की पीढ़ा भी तो असहनीय है।

जब एक लड़की पहली बार कंसीव करती है तब उसके शरीर में शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैंं। वहीं जैसे-जैसे प्रेगनेंसी का समय बढ़ने लगता है वैसे-वैसे शरीर में बदलाव भी बढ़ने लगते हैं। कई बार जब डिलीवरी का टाइम पास आता है तब अक्सर मां बनने वाली स्त्री नार्मल डिलीवरी की जगह सी- सेक्शन का ऑप्शन चुन लेती हैं लेकिन ये काफी परेशानी खड़ी कर सकता है। ये सही बात है कि सी-सेक्शन से आपको दर्द कम महसूस हो सकता है लेकिन बाद में इसके केरण आपको कई परेशानी ढेलनी पड़ सकती हैं। सी-सेक्शन डिलीवरी त​ब तक करवाने से बचना चाहिए, जब तक इसकी बहुत ज्यादा जरूरत न हो। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नार्मल डिलीवरी के क्या फायदे हैं। ताकि अगर आप भी मां बनने वालीं हैं तो सी-सेक्शन डिलीवरी के बारे में न सोचें….

नार्मल डिलीवरी से जल्दी होती है रिकवरी
नार्मल डिलीवरी  के बाद महिला बच्चे को जन्म देने के कुछ ही समय में चलने लायक हो जाती है। साथ ही मां की रिकवरी भी काफी फास्ट होती है। वहीं, सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को चलने-फिरने में दो से तीन दिनों का समय लग सकता है। उसको अस्पताल में 3 दिनों से लेकर 7 दिनों तक रहना पड़ सकता है। इसके अलावा घर जाकर भी लंबे समय तक बेड रेस्ट करने के साथ बहुत परहेज भी करना पड़ता है।

बच्चे को मिलते हैं गुड बैक्टीरिया
जन्म के समय बच्चा बर्थ कैनाल से होकर गुजरता है, इस दौरान बेबी जिन बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, वो उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। ये बैक्टीरिया इम्यूनिटी बढ़ाने, मस्तिष्क और पाचन स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं, साथ ही कई तरह के संक्रमण से उसका बचाव करते हैं।

एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट्स से होता बचाव
सिजेरियन डिलीवरी के दौरान महिला को एनेस्थीसिया देने की जरूरत पड़ती है। इसके कारण लो बीपी, सिरदर्द, चक्कर आना आदि साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। लेकिन नॉर्मल डिलीवरी में एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं पड़ती। इसके कारण साइड इफेक्ट्स का कोई खतरा नहीं रहता।

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