हरदोई: उधारी मांगने पर ठेला लगाने वाले युवक की बेरहमी से हुई हत्या, जांच में जुटी पुलिस
हरदोई। अंडे की ठेला लगाने वाले युवक की घर वापसी के दौरान बीच रास्ते में बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसका शव सड़क के किनारे पड़ा हुआ पाया गया। वहीं पर खून से सनी कुल्हाड़ी और एक डंडे के कुछ दूरी पर उसकी बाइक भी पड़ी हुई मिली। इसका पता होते ही पुलिस के …
हरदोई। अंडे की ठेला लगाने वाले युवक की घर वापसी के दौरान बीच रास्ते में बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसका शव सड़क के किनारे पड़ा हुआ पाया गया। वहीं पर खून से सनी कुल्हाड़ी और एक डंडे के कुछ दूरी पर उसकी बाइक भी पड़ी हुई मिली।
इसका पता होते ही पुलिस के साथ फारेंसिक टीम मौके पर पहुंची। मामले की गहराई से जांच-पड़ताल की जा रही है। वहीं यह भी खबर सुनी जा रही है कि पुलिस ने किसी एक हमलावर को हिरासत में ले कर उससे पूछताछ कर रही है।
बताते है कि टड़ियावां थाने के परसनी गांव निवासी 32 वर्षीय राजेंद्र पाल पुत्र रामविलास पाल इटौली-टड़ियावा के रास्ते पर शराब के ठेके के बगल में अंडे का ठेला लगाता था। शनिवार की देर शाम राजेंद्र बाइक से घर वापस जा रहा था। इसी बीच रास्ते में इटौली बाज़ार के पास पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने उसके ऊपर हमला कर दिया।
कुल्हाड़ी और डंडे से किए गए हमले से उसकी मौत हो गई।इसके बाद हमलावर शव को वहीं सड़क पर फेंक कर फरार हो गए। इस बीच बताया जा रहा है कि राजेंद्र के वहां से गुज़रने से पहले उसी के गांव का एक युवक उधर से निकला,जिसे वहां पहले से अंधेरे में छिपे कुछ लोगो ने रोका भी था। माना जा रहा है उन्ही लोगों ने वारदात को अंजाम दिया। जहां पर शव पड़ा हुआ था, वहीं पर खून से सनी कुल्हाड़ी और एक डंडा पड़ा हुआ पाया गया। वही से कुछ दूरी पर राजेंद्र की बाइक पड़ी थी।
माना जा रहा है कि राजेंद्र की अक्सर लोगों से उधार मांगने पर नोंक-झोंक होती रहती थी। उसी के चलते हत्या की गई।ऐसा माना जा रहा है। इसका पता होते ही इलाके की पुलिस और फारेंसिक टीम मौके पर पहुंची। जांच-पड़ताल की जा रही है।इसी बीच खबर मिली है कि पुलिस ने किसी एक हमलावर को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
रिटायर फौजी की बुज़ुर्ग विधवा का था इकलौता सहारा
अंडे का ठेला लगाने वाला राजेंद्र पाल के पिता रामविलास पाल रिटायर फौजी थे। राजेंद्र उनका इकलौता बेटा था। घर में बुज़ुर्ग मां के अलावा राजेंद्र की पत्नी और बच्चों की देखभाल की सारी ज़िम्मेदारी वही निभाता था। राजेंद्र की मौत से उसके घर-परिवार वालों का काफी बुरा हाल है। रोते-रोते उसकी बुज़ुर्ग मां की आंखें पथरा गई है। पत्नी और बच्चों का हाल-बेहाल है।
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