बरेली: शहर के पांच इलाकों में सबसे अधिक पानी का दोहन, लगातार गिर रहा भू-गर्भ जल स्तर

बरेली: शहर के पांच इलाकों में सबसे अधिक पानी का दोहन, लगातार गिर रहा भू-गर्भ जल स्तर

बरेली, अमृत विचार। जिले में लगातार पेड़ों का कटान किया जा रहा है, वहीं शहर की प्रमुख सड़कों पर निकल जाओ तो हर तरफ धड़ल्ले से पानी का दोहन किया जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। भविष्य में इसका खामियाजा दो-दो बूंद पानी के लिए …

बरेली, अमृत विचार। जिले में लगातार पेड़ों का कटान किया जा रहा है, वहीं शहर की प्रमुख सड़कों पर निकल जाओ तो हर तरफ धड़ल्ले से पानी का दोहन किया जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। भविष्य में इसका खामियाजा दो-दो बूंद पानी के लिए मोहताज होकर भुगतना पड़ सकता है। वहीं भू-गर्भ जल विभाग की ओर से मई माह में तैयार की गई प्री मानसून की रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शहर के पांच इलाकों में बीते वर्ष की तुलना में लगातार भू-गर्भ जल स्तर गिर रहा है, लेकिन लोगों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

वर्ष 2020 से लगातार गिर रहा जल स्तर
जल निगम से मिले आंकड़ों के अनुसार शहर के रोजाना 132 लीटर पानी प्रति व्यक्ति खर्च करता है। यह औसत आंकड़ा है लेकिन जिस प्रकार लोग जल संचयन के प्रति गंभीर नहीं है उससे भविष्य में गंभीर स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। इसलिए लोगों को पानी के दोहन को रोकने के लिए जागरूक होना जरूरी हो गया है।

शहर के ये पांच इलाके सबसे संवदेनशील
नाम – वर्ष 2020 प्री मानसून – वर्ष 2022 प्री मानसून
1. स्पोर्ट्स स्टेडियम – 9.21 – 10.67
2. जिला परिषद – 12 . 41 – 12 . 50
3. राजेंद्र नगर – 9.31 – 10.08
4. आयुक्त कार्यालय – 11.79 – 12.9
5. कचहरी रोड – 9.51 – 10.63

इन पांच इलाकों में अभी राहत
नाम – वर्ष 2020 प्री मानसून – 2022 प्री मानसून
1. सिठौरा – 3.91 – 3.87
2. जीटीआई महिला – 3.81 – 4.21
3. झील गौटिया – 1.64 – 2.41
4. बेनीपुर चौधरी – 3.83 – 5.51
5. कांधरपुर – 1.93 – 3.04

ये भी जाने
– 1 से दो मीटर जल स्तर में लगातार हो रही गिरावट
– 132 लीटर पानी हर व्यक्ति रोजाना करता है खर्च
– 2.5 मीटर तक जल स्तर होता है सामान्य

जिले के साथ ही शहर के कई इलाके गिरते जल स्तर को लेकर संवेदनशील हैं। हाल ही में किए गए प्री मानसून सर्वे में स्थिति काफी गंभीर है। लोगों से अपील है कि गिरते स्तर को बचाने के लिए जल के दोहन पर अंकुश लगाने का प्रयास करें—गणेश सिंह नेगी, सहायक अभियंता, भू गर्भ जल विभाग।

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