बरेली: नगर निगम के खाते से बिना हस्ताक्षर समस्तीपुर में निकाले गए 99 हजार से अधिक रुपए, तीन पर रिपोर्ट

बरेली, अमृत विचार। यूपी के बरेली नगर निगम में निगम के बैंक खाते से फर्जीवाड़ा कर करीब हफ्ते भर पहले चेक से 99 हजार से अधिक रुपए समस्तीपुर में निकाल लिए गए। मामले की जानकारी तब हुई जब दोबारा से चेक के माध्यम से निगम के खाते से धनराशि उड़ाने की कोशिश की गई। जब …
बरेली, अमृत विचार। यूपी के बरेली नगर निगम में निगम के बैंक खाते से फर्जीवाड़ा कर करीब हफ्ते भर पहले चेक से 99 हजार से अधिक रुपए समस्तीपुर में निकाल लिए गए। मामले की जानकारी तब हुई जब दोबारा से चेक के माध्यम से निगम के खाते से धनराशि उड़ाने की कोशिश की गई। जब ब्रांच मैनेजर को इसका पता लगा तो उन्होंने तुरंत नगर निगम के लेखाधिकारी को सूचित किया। जिसके बाद कोतवाली में लेखाधिकारी की ओर से तहरीर पर दो लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
समस्तीपुर के बबिल कुमार के खाते में ट्रांसफर हुई धनराशि
दरअसल, नगर निगम बरेली का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में नगर निगम ब्रांच में ही संचालित होता है। गुरुवार को नगर निगम के लेखाधिकारी हृदय नारायण के पास बैंक मैनेजर का फोन पहुंचा उन्होंने बताया कि बिहार के समस्तीपुर में काशीपुर कॉलोनी की इंडियन बैंक में बबिल कुमार के खाते में 99 हजार 257 रुपए दो चेक के माध्यम से निकालने की कोशिश की गई।
चेक को जब लेखा विभाग से वैरिफाई कराया गया तो वह फर्जी निकले। इसके बाद उस खाते की और डिटेल निकाली गई। तो पता चला कि बीते 13 अप्रैल को इसी खाते में दो चेक के माध्यम से 99 हजार 250 रुपए ट्रांसफर कर लिए गए है। जिसमें पहले चेक से 49 हजार 500 और दूसरे चेक से 49750 रुपए ट्रांसफर किए गए है। मामले में लेखाधिकारी की शिकायत पर इंडियन बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख, बैंक मैनेजर और बबिल कुमार पर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
नगर आयुक्त और लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है भुगतान
नगर निगम के लेखाधिकारी हृदय नारायण के मुताबिक किसी भी चेक से भगुतान के लिए चेक पर नगर आयुक्त और लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर होते है। ऐसे में किसी ने फर्जी हस्ताक्षर करके चेक को क्लियर कराया है। साथ ही यह भी बताया कि इंडियन बैंक ने एक ही हस्ताक्षर पर चेक क्लियर किया है। जो कि नहीं हो सकता। साथ यह भी बताया कि जिन चेक से धनराशि निकाली गई है। वो चेक बैंक की ओर से नगर निगम को दिए ही नहीं गए। ऐसे में धन राशि कैसे निकाल ली गई। यह अभी तक एक सवाल बना हुआ है। बहरहाल मामले में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।
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