बरेली: घंटाघर के कोनों की उखड़ी ईंटों पर सीएम की नजर गई तो होगी मुसीबत- मंडलायुक्त

बरेली: घंटाघर के कोनों की उखड़ी ईंटों पर सीएम की नजर गई तो होगी मुसीबत- मंडलायुक्त

बरेली, अमृत विचार। मंडलायुक्त संयुक्ता समद्दार ने घंटाघर को देखते ही कह दिया था कि इसमें लगी ईंटें ( यूनी स्टोन) टिकाऊ नहीं है। जिस ठेकेदार ने यहां पर काम किया है वह गारंटी पीरियड तक तो यहां ईंटे लगाता रहेगा लेकिन गारंटी समय समाप्त होते ही शहर के घंटाघर को बदसूरत होने में देर नहीं लगेगी। …

बरेली, अमृत विचार। मंडलायुक्त संयुक्ता समद्दार ने घंटाघर को देखते ही कह दिया था कि इसमें लगी ईंटें ( यूनी स्टोन) टिकाऊ नहीं है। जिस ठेकेदार ने यहां पर काम किया है वह गारंटी पीरियड तक तो यहां ईंटे लगाता रहेगा लेकिन गारंटी समय समाप्त होते ही शहर के घंटाघर को बदसूरत होने में देर नहीं लगेगी। 15 दिन पहले ही यहां पर उखड़ी ईंटों को दुरूस्त कराया गया है लेकिन अब घंटाघर के दीवार के कोनों से ईंटें गायब होने लगी हैं। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री की नजर इन पर पड़ी तो अधिकारियों की मुसीबत बढ़ सकती है।

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घंटाघर का निर्माण पूरा हुए अभी दो माह भी नहीं हुआ है और इसमें लगी ईंटें उखड़ने लगी हैं। घंटाघर के जीर्णोद्धार में 87 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। शहर के ऐतिहासिक घंटाघर के निर्माण में खामियां इसकी पोल खोल रही हैं। जिस तरह दो माह में ही घंटाघर की दीवारों से ईंटें उखड़ रही हैं इससे लग रहा है कि यहां गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है। पहले यहां पांच जगह से ईंटे उखड़कर गिर चुकी थीं अब दीवारों के कोनों से ईंटे गायब हैं। शहर में प्रयोग सफल नहीं होने के बाद भी स्मार्ट सिटी के अफसरों ने इस ईंट से घंटाघर की इमारत को सुंदर बनाने के प्रोजेक्ट को पास कर दिया। अब मांग उठ रही है कि जिस अफसर ने घंटाघर में लगी ईंटों को बेहतर बताकर इसे लगाने में अपनी भूमिका निभाई उसके द्वारा दिये गये सभी प्रस्तावों की जांच होनी चाहिए।

बदसूरत हो गया यूनी स्टोन से सुंदर किया रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार
यूनी स्टोन ईंटों से इमारत को सुंदर बनाने का प्रयोग शहर में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में शुरु हुआ। जंक्शन, सिटी स्टेशन और जंक्शन के सेकेंड इंट्री गेट का निर्माण यूनी स्टोन से किया गया लेकिन यह सफल नहीं हुआ है। सिटी स्टेशन हो या जंक्शन का मुख्य द्वार, सेकेंड एंट्री गेट हो या इज्जतनगर का सेकेंड इंट्री गेट, सभी जगह यही यूनी स्टोन लगाकर इमारत को सुंदर बनाने का काम किया गया था। शुरुआत में यह निर्माण अच्छा लगा लेकिन अब सभी द्वार बदसूरत हो चुके हैं। इन्हें सुधारने के लिए इंजीनियर भी चिंतित रहते हैं। इज्ततनगर के सेकेंड एंट्री गेट पर लगे यूनी स्टोन तो अब एक तरह नहीं लगे हैं। इन्हें देखते ही पता चल जाता है कि यह तरह तरह के स्टोन लगाए गए हैं।

जब तक नमी रहेगी तब तक चिपके रहेंगे स्टोन
जानकार बताते हैं कि यूनी स्टोन ज्यादा दिन तक चिपके नहीं रह पाते हैं। सीमेंट युक्त मिश्रण से बनने वाली यह ईंटें इतनी पतली होती हैं कि इनकी पकड़ मजबूत नहीं रहती है। ठंड के मौसम में वातावरण में नमी रहेगी तब तक इन यूनी स्टोन में कोई कमी नहीं आएगी लेकिन जब वातावरण में नमी कम होगी तभी यह ईंटे अपनी पकड़ छोड़ने लगेंगी। बसंत ऋतु के दौरान जो हवा चलती है उसमें नमी सोखने की क्षमता होती है। घंटाघर में ईंट लगाने में ठेकेदार ने लापरवाही की होगी तो यह छह माह में ही सामने आ जाएंगी।

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