हल्द्वानी: पुलिस के बजट पर कैंची से अटके आधुनिकीकरण के काम

हल्द्वानी: पुलिस के बजट पर कैंची से अटके आधुनिकीकरण के काम

गौरव पांडेय, हल्द्वानी। चीन और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे उत्तराखंड में अपराधों के ग्राफ के साथ ही चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। इसके इतर राज्य का पुलिस पर खर्च घटता जा रहा है। वर्ष 2011-15 में पुलिस पर राज्य का औसत व्यय 4.6 फीसदी था, जो 2015-19 में घटकर 4.4 फीसदी पहुंच …

गौरव पांडेय, हल्द्वानी। चीन और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे उत्तराखंड में अपराधों के ग्राफ के साथ ही चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। इसके इतर राज्य का पुलिस पर खर्च घटता जा रहा है। वर्ष 2011-15 में पुलिस पर राज्य का औसत व्यय 4.6 फीसदी था, जो 2015-19 में घटकर 4.4 फीसदी पहुंच गया है। बजट में कैंची चलने से पुलिस के आधुनिकीकरण की योजनाएं अटकी हुई हैं।
दो दशक पूर्व बने उत्तराखंड में पुलिस आधुनिकीकरण को लेकर कई योजनाओं पर काम होना है।

पुलिस के पास जरुरत की अपेक्षा वाहनों की 30 फीसदी कमी है। इसी तरह आधुनिक हथियारों की उपलब्धता में 70 फीसदी की कमी है। पुलिस कार्यालय, आवास, बैरकों की 50 फीसदी कमी है। इसके अलावा लगातार बढ़ती जरुरतों को देखते हुए 100 से अधिक नए चौकी और 50 से अधिक थाने खोलने की भी योजना है। इसके साथ ही 150 पुलिस थानों और चौकियों का पुनर्निर्माण कार्य होना है। राजस्व क्षेत्रों को भी नियमित पुलिस में शामिल किया जाना है।

इसके साथ ही पुलिस का डिजिटलीकरण किया जाना है। इन परिस्थितियों में राज्य पुलिस को और अधिक बजट की दरकार है। लेकिन इसके इतर सरकार पुलिस के बजट में कैंची चला रही है। वर्ष 2011-15 में जहां पुलिस पर राज्य का औसत व्यय कुल सकल बजट का 4.6 फीसदी था। वहीं, वर्ष 2015-19 के दौरान .2 फीसदी की कटौती हुई है। वर्ष 2015-19 तक राज्य सरकार ने पुलिस पर महज 4.4 फीसदी बजट ही खर्च किया।

बजट की कमी से अटके काम
= नए वाहनों की खरीद
= आधुनिक हथियारों की खरीद
= नए चौकी-थाने खोलने की योजना
= कार्यालय, आवास, बैरक निर्माण
= पुलिस ट्रैफिक लाइन का निर्माण
= राजस्व क्षेत्रों में नियमित पुलिस
= पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
= पुलिस डिजिटलीकरण का काम

पुलिस बजट में बढ़ोत्तरी के लिए मुख्यालय स्तर पर लगातार शासन से पैरवी की जा रही है। पुलिस आधुनिकीकरण के लिए केंद्र से भी बजट बढ़ाने की पैरवी की जा रही है। बजट की कमी के चलते कई योजनाएं अभी पूरी नहीं हो पाई हैं। इन योजनाओं को बजट मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
अशोक कुमार, डीजीपी, उत्तराखंड

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