बरेली: 500 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां, अब तोड़फोड़ की आई याद

बरेली, अमृत विचार। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) से ले-आउट पास कराए बगैर लगातार अवैध कॉलोनियों विकसित की जा रही हैं। कोरोना काल का फायदा उठाकर तमाम बिल्डरों ने गुपचुप तरीके से औने-पौने दामों में कृषि जमीन लेकर अवैध कॉलोनियां विकसित करने के साथ ही ऊंचे रेट पर उनके भूखंडों की बिक्री भी बड़े पैमाने पर …
बरेली, अमृत विचार। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) से ले-आउट पास कराए बगैर लगातार अवैध कॉलोनियों विकसित की जा रही हैं। कोरोना काल का फायदा उठाकर तमाम बिल्डरों ने गुपचुप तरीके से औने-पौने दामों में कृषि जमीन लेकर अवैध कॉलोनियां विकसित करने के साथ ही ऊंचे रेट पर उनके भूखंडों की बिक्री भी बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है। बीडीए के अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण के क्षेत्र में पांच सौ से ज्यादा अवैध कॉलोनियां विकसित हो गई हैं। पूर्व में तैनात रहे अफसरों व बिल्डरों की मिलीभगत से यह खेल बड़े पैमाने पर चलता रहा। अब ऐसी कॉलोनियों को निशाने पर लिया गया है। बड़ा बाईपास पर तीन अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण के बाद अब बड़ी संख्या में दूसरी कॉलोनियों को भी निशाने पर लिया गया है।
बदायूं रोड, पीलीभीत बाईपास, सौ फुटा रोड, मिनी बाईपास, सीबीगंज, नैनीताल रोड सहित तमाम इलाकों में ऐसी अवैध कॉलोनियों की बाढ़ है। अवैध कॉलोनियों को बसाने का खेल वर्षों से चला आ रहा है। इस पर कभी-कभार शिकंजा कसा भी जाता है लेकिन बाद में स्थिति फिर जस की तस हो जाती है। लोगों का कहना है कि बीडीए से स्वीकृत कॉलोनियों में भूखंड व भवनों के रेट बहुत ही ज्यादा हैं। जबकि कृषि भूमि पर बसाई जा रही अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों के रेट उनके मुकाबले बहुत ही कम हैं। इसी का फायदा उठाकर कॉलोनाइजरों की रातों-रात किस्मत बदल जाती है। ऐसे में अवैध कॉलोनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीडीए ने वर्ष 1998 में अवैध कॉलोनियों का सर्वे किया था तो उस समय केवल 198 अवैध कॉलोनियां चिन्हित हुई थीं लेकिन अब इनकी संख्या 500 से ज्यादा हो चुकी है।
सस्ते के चक्कर में फंस रहे घर के मालिक
कृषि जमीनों को औने-पौने भाव में लेकर निचले इलाकों में बसाई जा रही कॉलोनियों में लोगों को जलभराव की दिक्कत से जूझना पड़ रहा है। यहां पानी निकासी की भी कोई सुविधा नहीं है। बाद में नगर निगम के अधिकारियों पर दबाव बनाकर इन कॉलोनियों में नाली-सड़क सहित दूसरे काम करा लिए जाते हैं। लोग सस्ता प्लॉट मिलने के लालच में जमीन खरीद रहे हैं।
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