रुद्रपुर: दूसरी लहर में आर्थिक रूप से तबाह हो चुके श्रमिकों को सताने लगा है तीसरी लहर का डर

रुद्रपुर: दूसरी लहर में आर्थिक रूप से तबाह हो चुके श्रमिकों को सताने लगा है तीसरी लहर का डर

रुद्रपुर, अमृत विचार। कोरोना महामारी से पूरे विश्व पर आर्थिक संकट छाया हुआ है। महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण बीते डेढ़ सालों में समाज के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है। लेकिन इस दौरान मजदूर और निम्न आय वाले परिवारों को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। दिहाड़ी करने …

रुद्रपुर, अमृत विचार। कोरोना महामारी से पूरे विश्व पर आर्थिक संकट छाया हुआ है। महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण बीते डेढ़ सालों में समाज के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है। लेकिन इस दौरान मजदूर और निम्न आय वाले परिवारों को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। दिहाड़ी करने वाले मजदूर वर्ग के सामने दो वक़्त की रोटी का प्रबंध करना भी मुश्किल हो गया है।

इस बीच वैज्ञानिकों व चिकित्सकों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर जल्द आने की आशंका जताए जाने के बाद शहर के गांधी पार्क के लेबर चौक पर खड़े मजदूरों को भी अपने भविष्य का डर सताने लगा है। इस वर्ग के लिए अब डर स्वास्थ्य के साथ ही आर्थिक क्षति का भी है।रविवार को गांधी पार्क के पास लेबर चौक पर खड़े श्रमिकों  ने “अमृत विचार” से बातचीत में कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से वह डरे हुए है | हाल ही में दूसरी लहर का कहर झेलने वाले श्रमिक अपनी पीड़ा बताते हैं।

श्रमिक हनीफ ने बताया कि दिहाड़ी करने वाले मजदूरों के पास बारिश में काम की कमी रहती है। महामारी की दूसरी लहर में काम न के बराबर रहा। ऐसे में तीसरी लहर का आना मजदूर वर्ग के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं है | श्रमिक रमेश ने कहा कि छह लोगों का परिवार होने के कारण दूसरी लहर में उधार से घर चलाना पड़ा जिसका बकाया अब तक चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसे में कोरोना की तीसरी लहर के ख्याल से भी डर लगने लगता है। अब अगर लॉकडाउन लगा तो घर में रोटी के पैसे भी नहीं होंगे और उधार भी नहीं मिलेगा। श्रमिक रामकुमार ने कहा कि घर में कोई बीमार पड़ा तो इलाज भी नहीं करता सकेंगे।