बरेली: नगर निगम की जमीनों पर कर रहे खेती
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम ने अपनी बेशकीमती जमीनों की तलाश शुरू की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अब शहरी सीमा में आ रहे गांवों में तमाम ऐसी भूमि मिली जिस पर लोग कब्जा कर खेती कर रहे हैं। नगर निगम इन जमीनों को चिन्हित कर रहा है जिससे कि खेती करने वाले के साथ …
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम ने अपनी बेशकीमती जमीनों की तलाश शुरू की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अब शहरी सीमा में आ रहे गांवों में तमाम ऐसी भूमि मिली जिस पर लोग कब्जा कर खेती कर रहे हैं। नगर निगम इन जमीनों को चिन्हित कर रहा है जिससे कि खेती करने वाले के साथ एग्रीमेंट किया जाएगा। ऐसा करने से निगम का आय का नया स्रोत भी खुलेगा। साथ ही जमीन भी सुरक्षित होगी।
नगर निगम के पास अपनी तमाम जमीनों का रिकॉर्ड ही सुरक्षित नहीं था। इस वजह से इन जमीनों पर बड़ी संख्या में अवैध कब्जे हो गए। नगर निगम प्रशासन ने हाल में जमीनों का रिकॉर्ड खंगाला तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। नगर निगम की सैकड़ों बीघा जमीन ऐसी मिली जिसका इस्तेमाल लोग खेती के लिए कर रहे हैं। इसमें हैदराबाद खड़ौआ और परसाखेड़ा में बड़े पैमाने पर ऐसी जमीन को चिन्हित किया गया है।
अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह का कहना है कि अभी शहरी सीमा में आने वाले 25 गांवों में नगर निगम ने अपनी जमीन को चिन्हित कराया है। इसमें सिठौरा, बंडिया, वाकरनगर सुंदरासी, नंदौसी, मतलूक, मथुरापुर आदि शामिल हैं। नगर निगम तैयारी यह कर रहा है कि जो लोग इस जमीन पर खेती कर रहे हैं, उनके नाम पर नगर निगम जमीन का एग्रीमेंट कर दें। इससे हर महीने होने वाली आमदनी में नगर निगम का भी एक निर्धारित हिस्सा मिल जाएगा। इससे निगम की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी। अपर नगर आयुक्त का कहना है कि एग्रीमेंट होने से जमीन पर खेती करने वाले लोग उस पर किसी तरह का दावा भी नहीं कर सकेंगे। इससे निगम की यह जमीन भी सुरक्षित हो जाएगी।
तारबंदी करने में निगम को खर्च करनी पड़ेगी मोटी रकम
नगर निगम के अधिकारियों ने पहले चिन्हित जमीन के चारों तरफ तारबंदी करने की योजना बनाई थी लेकिन इस काम में निगम को मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी। तार के चोरी होने का भी खतरा रहेगा। इसके लिए जमीन को कृषि कार्य करने वालों को एग्रीमेंट के आधार पर देने का फैसला लिया गया है।
तमाम जमीन पर अवैध अतिक्रमण
नगर निगम की जमीन पर कई जगह पक्के निर्माण हो गए हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में अभिलेखों को सार्वजनिक नहीं किया गया है, नहीं तो पहुंच वाले कब्जेदार पैरवी कर दबाव बनाना शुरू कर देंगे। इसे लेकर एकाएक अभियान शुरू किया जाएगा।
2020 की बोर्ड बैठक में उठा था मुद्दा
वर्ष 2020 में हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में 48 गांवों में स्थित संपत्ति के चिह्नांकन का मुद्दा उठा था। नगर निगम बोर्ड की बैठक में गांवों में स्थित संपत्ति को लेकर हंगामा हुआ था क्योंकि निगम के अफसर अब तक 48 गांवों में अपनी संपत्तियां नहीं ढूंढ पाए थे। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार ने बैठक बुलाकर अधिकारियों से नाराजगी जताई थी। बावजूद अब तक जमीन के आंकड़े नहीं जुटा पाए। संपत्तियों के चिह्नांकन के लिए नगर निगम ने दो टीमें बनाई थीं। इनमें से एक टीम का नेतृत्व सेवानिवृत्त तहसीलदार और दूसरी टीम का सेवानिवृत्त कर्नल को सौंपा गया था।
अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम ने अपनी तमाम जमीनों को चिन्हित किया है, जिस पर खेती की जा रही है। नगर निगम खेती कर रहे लोगों को एग्रीमेंट करने की तैयारी कर रहा है। इससे निगम की आमदनी बढ़ने के साथ जमीन को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।