बरेली: धरना-प्रदर्शन में दिखी गुटबाजी ने सपा नेताओं की करा दी किरकिरी

बरेली, अमृत विचार। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में कथित धांधली और महंगाई के विरोध में गुरुवार को सपाइयों ने जिले की सभी तहसीलों में प्रदर्शन किया। सुबह करीब 11 बजे जिलाध्यक्ष अगम मौर्य बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। इससे पहले ही यहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात …
बरेली, अमृत विचार। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में कथित धांधली और महंगाई के विरोध में गुरुवार को सपाइयों ने जिले की सभी तहसीलों में प्रदर्शन किया। सुबह करीब 11 बजे जिलाध्यक्ष अगम मौर्य बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। इससे पहले ही यहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई थी।
कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने नहीं दिया
गेट पर पहुंचते ही सपा नेताओं को कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने नहीं दिया। इसको लेकर सपाइयों ने जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद डीएम नितीश कुमार की गाड़ी कलेक्ट्रेट में पहुंची तो सपाइयों ने वाहन रोकने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने हटा दिया। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट को जिलाध्यक्ष ने राष्ट्रपति को संबोधित 16 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। खास बात यह रही कि प्रदर्शन का एक मकसद सपाइयों का अपनी ताकत दिखाना था।
विधान सभा चुनाव पर नजर
2022 के विधान सभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। पंचायत चुनाव से जहां सपा कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। सपा ने इन चुनाव में भाजपा पर प्रशासन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदर्शन
इसी क्रम में गुरुवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपाइयों ने जिला व तहसील मुख्यालयों पर चुनाव में धांधली, भ्रष्टाचार, किसानों के उत्पीड़न और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर कलक्ट्रेट और तहसील मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष अगम मौर्य ने कहा कि वर्तमान सरकार जनता नहीं पार्टी का हित देख रही है। सत्ता का फायदा उठाकर सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। महिलाओं के साथ अपराधों पर रोक लगाने में यह सरकार पूरी तरह नाकाम रही है।

नहीं दिखी पार्टी पदाधिकारियों में एकता
पंचायत चुनाव और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हार के बाद भी पार्टी में लंबे समय से हावी गुटबाजी खत्म होती नहीं दिख रही। गुरुवार को कलेक्ट्रेट में एक बार जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की टीम बिखरी दिखी। महानगर अध्यक्ष अपनी टीम के साथ कलेक्ट्रेट गेट के सामने धरने में बैठ गए तो वहीं जिलाध्यक्ष अगम मौर्य अपनी टीम के साथ एसबीआई की मुख्य शाखा के सामने खड़े रहे। हालांकि कुछ समय बाद दोनों संगठन ने एक साथ धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।
अब महानगर उपाध्यक्ष से उलझे महानगर महासचिव
समाजवादी पार्टी के महानगर संगठन की अंतर्कलह एक बार फिर देखने को मिली।धरना प्रदर्शन के दौरान महानगर उपाध्यक्ष शमीम अहमद और महानगर सचिव गौरव सक्सेना आपस में उलझ गए। दोनों में काफी देर तक कहासुनी भी हुई। शमीम अहमद का आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान आगे आने की होड़ और फोटो खिंचवाने के लिए गौरव सक्सेना ने सभी हदें पार कर दीं। वरिष्ठ होने के बाद भी उनका सम्मान नहीं रखा। इसी बात का विरोध किया तो अभद्रता करने लगे। इधर गौरव सक्सेना ने आरोप को निराधार बताया। कहा कि वे सुबह 11 बजे ही कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। शमीम अहमद काफी विलंब से पहुंचे और फोटो खिंचाने के लिए एकदम आगे आने लगे। सिर्फ इसी बात को लेकर आपत्ति की गई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी में जिसका आचरण अच्छा होगा, उसका सम्मान होगा। इधर पार्टी सूत्रों की मानें तो गौरव सक्सेना पूर्व में भी विवादित रह चुके हैं। महानगर कोषाध्यक्ष रहे संदीप सिंह बग्गा से भी पूर्व में उनका विवाद हो चुका है।

धरना-प्रदर्शन में यह रहे मौजूद
महानगर अध्यक्ष शमीम सुल्तानी, महानगर महासचिव सत्येंद्र यादव, कदीर अहमद, जफर बेग, डा. अनीस बेग, मो. कलीमउद्दीन, मनोहर पटेल, हेमंत राणा, देवेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, भारती चौहान, आदेश यादव, हरिशंकर, गजेंद्र कुर्मी, कमलेश पटेल, नूतन शर्मा, राजेश अग्रवाल, शमीम अहमद, हसीब खान, गोपाल कश्यप, साधना मिश्रा, दीप्ति पांडे, समयुन खान, सीमा, क्षितिज यादव, सूरज यादव, विशाल कश्यप, केपी राठौर, ओमपाल प्रजापति, अनिल पटेल, मयंक उर्फ मोंटी शुक्ला, जितेंद्र मुंडे, पार्षद आरिफ कुरैशी, पार्षद अब्दुल कयूम मुन्ना, रेहान अली, अलीम सुल्तानी, मेराज अंसारी, फिरदौस अंजुम, आशिक हुसैन, युसूफ खान, अकील गुड्डू, राम गोपाल वर्मा, रविकांत यादव आदि मौजूद रहे।