गोरखपुर विश्वविद्यालय बनेगा विदेशी भाषाओं की पढ़ाई का हब, जानें कब से होगा संचालन

गोरखपुर विश्वविद्यालय बनेगा विदेशी भाषाओं की पढ़ाई का हब, जानें कब से होगा संचालन

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय जल्द ही विदेशी और देशी भाषाओं की पढ़ाई के हब के रूप में विकसित होगा। रोजगार परक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन के साथ ही हिंदी, संस्कृत और उर्दू भाषाओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन का मेन फोकस है। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 30-30 सीट निर्धारित की गई है। भाषा …

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय जल्द ही विदेशी और देशी भाषाओं की पढ़ाई के हब के रूप में विकसित होगा। रोजगार परक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत फ्रेंच, स्पेनिश और जर्मन के साथ ही हिंदी, संस्कृत और उर्दू भाषाओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन का मेन फोकस है। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 30-30 सीट निर्धारित की गई है। भाषा विशेषज्ञों को विश्वविद्यालय से जोड़ने की प्रक्रिया गतिमान है। सत्र 2021-22 में इन कोर्सेज में प्रवेश के लिये ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुका है।

इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा अपने ब्रांड अंबेसडर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी पर दो क्रेडिट का कोर्स तैयार किया है। जो विद्यार्थियों के बीच आकर्षण का केंद्र होगा। इसके साथ ही राष्ट्रगौरव पर दो क्रेडिट का कोर्स डिज़ाइन किया है। दोनों ही कोर्स को स्नातक में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी को तीन साल की पढ़ाई के दौरान पास करना अनिवार्य है। कुलपति प्रो राजेश सिंह के मार्गदर्शन में इसके लिए कोर्स को सीबीसीएस पैटर्न पर तैयार कराया गया है। इच्छुक अभ्यर्थी 22 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश से जुड़ी समस्त जानकारी

पर हासिल की जा सकती है http://ddugu.ac.in/ कोर्स के सभी पाठ्यक्रमों को विद्या परिषद, कार्य परिषद के साथ-साथ राजभवन से अनुमोदित कराया गया है। अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के साथ साथ संस्कृत की भी पढ़ाई कराई जाएगी। इस भाषा के जानकारों की भारत के साथ साथ विदेशों में भी डिमांड है। अभ्यर्थी भी अपने रुझान के मुताबिक संबंधित भाषा के लिए पंजीकरण करा रहे हैं।

विश्वविद्यालय में होगी नाथ पंथ की पढ़ाई
विश्वविद्यालय में सत्र 2021-22 से नाथ पंथ पर पढ़ाई भी होगी। इसे लेकर सीबीसीएस पैटर्न पर दो क्रेडिट का कोर्स विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तैयार कराया गया है। स्नातक स्तर में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी को नाथपंथ पर दो क्रेडिट के कोर्स को पढ़ने का मौका मिलेगा।

भाषा, हेल्थ, आईटी स्किल के अहम कोर्सेज
सीबीसीएस पैटर्न के रूप में तैयार कोर्स के तहत पूरे कोर्स को मेजर कोर्सेज, माइनर इलेक्टिव, माइनर वोकेशनल, माइनर को करिकुलम में विभाजित किया गया है।मेजर कोर्स के साथ अभ्यर्थियों को पहले सेमेस्टर में माइनर इलेक्टिव कोर्स के अंतर्गत भाषा में इंग्लिश, बेसिक ऑफ हिंदी, बेसिक ऑफ संस्कृत, बेसिक ऑफ उर्दू के साथ इंट्रोडक्शन टू पंडित दीनदयाल उपाध्याय, बेसिक्स ऑफ राष्ट्रगौरव, इंट्रोडक्शन ऑफ नाथपंथ, माइनर को-करीकुलम में एन सीसी/ एनएसएस/ रोवर्स रेंजर्स, खेल, कल्चरल एक्टिविटी, फ़ूड न्यूट्रिशन एंड हेल्थ, द्वितीय सेमेस्टर में इलेक्टिव कोर्स में बेसिक्स ऑफ आईटी स्किल, बेसिक्स ऑफ जीरो वेस्ट मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन ऑफ फॉरेन लैंग्वेज, को- करिकुलम में प्राइमरी ट्रीटमेंट एंड हेल्थ, तृतीय सेमेस्टर के इलेक्टिव कोर्स में बेसिक्स ऑफ पाली, को-करिकुलम में फिजिकल एजुकेशन एंड योगा, चौथे सेमेस्टर के इलेक्टिव कोर्स में बेसिक्स ऑफ नेपाली, इंट्रोडक्शन टू बुद्धिस्ट लैंग्वेज, माइनर को करिकुलम में ह्यूमन वैल्यूज एंड एनवायर्नमेंटल स्टडीज, पांचवे सेमेस्टर के इलेक्टिव में बेसिक्स ऑफ स्पेनिश,एनालिटिकल क्वालिफिकेशन एंड डिजिटल अवेरनेस, छठवें सेमेस्टर के इलेक्टिव कोर्स में बेसिक्स ऑफ जर्मन, को करिकुलम में कम्युनिकेशन स्किल एंड पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स का विकल्प चुन सकेंगे।