प्रियंका गांधी के बेटे रेहान की सामने आई पहली Photo Exhibition, future planning को लेकर कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पुत्र रेहान राजीव वाड्रा ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि आगे जिंदगी उन्हें किस दिशा में ले जाएगी, लेकिन इतना तय है कि भविष्य में वह जो भी करेंगे, उसमें फोटोग्राफी का अहम किरदार होगा। नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले किसी भी सख्स के …
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पुत्र रेहान राजीव वाड्रा ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि आगे जिंदगी उन्हें किस दिशा में ले जाएगी, लेकिन इतना तय है कि भविष्य में वह जो भी करेंगे, उसमें फोटोग्राफी का अहम किरदार होगा। नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले किसी भी सख्स के लिए आमतौर पर यह धारणा होती है कि उसकी जिंदगी से राजनीति का जुड़ाव जरूर होगा, हालांकि 20 वर्षीय रेहान कहते हैं कि वह लोगों से जुड़ने के लिए कैमरे के लेंस का इस्तेमाल करना चाहेंगे और जीवन को लेकर अपनी समझ को आगे बढ़ाना चाहेंगे।
उन्होंने अपनी पहली फोटो प्रदर्शनी ‘डार्क परसेप्शन-एन एक्पोजिशन ऑफ स्पेस, लाइट एंड टाइम’ की शुरुआत की है। फोटोग्राफी का जुनून रखने वाले रेहान द्वारा ली गई 40 से अधिक तस्वीरें इस प्रदर्शनी का हिस्सा हैं। इस फोटो प्रदर्शनी से इतर रेहान वाड्रा ने कहा, ”मुझे नहीं पता कि भविष्य में जिंदगी कहां लेकर जाएगी। सिर्फ यह जानता हूं कि मैं फिलहाल फोटोग्राफी पर पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।”
दिल्ली में पैदा हुए और दिल्ली, देहरादून और लंदन में पढ़ाई करने वाले रेहान का कहना है कि वह अपनी फोटोग्राफी के जरिए लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रशिक्षित फोटोग्राफर हैं तो उन्होंने कहा कि बचपन में मां से कुछ गुर लेने और न्यूयॉर्क में दो सप्ताह का कोर्स करने के अलावा उन्होंने इस क्षेत्र में कोई बड़ी औपचारिक शिक्षा हासिल नहीं है।
उन्होंने कहा, ”मैंने 10 साल की उम्र से फोटोग्राफी आरंभ की। जंगल ने मुझे हमेशा आकर्षित किया है और मेरे द्वारा ली गई शुरुआती तस्वीरें भी वन और वन्यजीवों से संबंधित हैं।” उन्होंने बताया, ”बाद में मैं लंदन पढ़ाई करने के लिए चला गया और वहां जंगल जाना मुश्किल था। ऐसे में मेरी तस्वीरों का मिजाज बदल गया और मैं स्ट्रीट फोटोग्राफी, कार्यक्रमों से संबंधित फोटोग्राफी और जीवन से जुड़ी फोटोग्राफी की तरफ मुड़ गया।”
अपनी फोटो प्रदर्शनी के बारे में उन्होंने कहा, ”अंधेरे में आप कोई राय नहीं बना सकते और आप अपनी कोई भी सोच विकसित करने के लिए स्वतंत्र हैं। अंधेरापन एक आजादी है और धारणा एक कारागार की तरह है।” उनकी यह फोटो प्रदर्शनी गत रविवार से बीकानेर हाउस में आरंभ हुई है और यह 17 जुलाई तक चलेगी।