बरेली: ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही आरक्षण फुल, लंबी प्रतीक्षा से यात्री परेशान

बरेली: ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही आरक्षण फुल, लंबी प्रतीक्षा से यात्री परेशान

बरेली, अमृत विचार। ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद आरक्षित टिकटों के लिए मारामारी शुरू हो गई है। भले ही लोग कोरोना के डर से अब भी सफर करने से बच रहे हों लेकिन कई ट्रेनों में आरक्षण के लिए लंबी वेटिंग है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जाने वाली ट्रेनों के लिए …

बरेली, अमृत विचार। ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद आरक्षित टिकटों के लिए मारामारी शुरू हो गई है। भले ही लोग कोरोना के डर से अब भी सफर करने से बच रहे हों लेकिन कई ट्रेनों में आरक्षण के लिए लंबी वेटिंग है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जाने वाली ट्रेनों के लिए सबसे अधिक आरक्षण के लिए लोग तरस रहे हैं। इसमें सबसे अधिक वेटिंग स्लीपर क्लास के टिकटों के लिए हैं।

मुंबई के लिए जाने वाली ट्रेनों की अगर बात करें तो रामनगर-बांद्रा ट्रेन के अंदर बरेली से स्लीपर श्रेणी में जुलाई का पूरा महीना और अगस्त के पहले सप्ताह तक लंबी वेटिंग लिस्ट है। जबकि एसी की श्रेणियों में इक्का-दुक्का टिकट ही बचे हैं। रेलवे प्रशासन ने 15 महीने से बंद बरेली-लोकमान्य तिलक टर्मिनस को 10 दिन पहले ही चलाने का फैसला लिया था मगर बरेली से महज 10 दिन के अंदर ही ट्रेन की लगभग सभी श्रेणियों के टिकट बुक हो गए।

प्रथम और द्वितीय एसी में आरएसी थी। हालांकि अगले हफ्ते की यात्रा के लिए ट्रेन के टिकट उपलब्ध हैं। वहीं दिल्ली की ओर जाने वाली लंबे रूट की ट्रेनों में भी वेटिंग है। पदमावत एक्सप्रेस, लखनऊ मेल, डिब्रुगढ़-लालगढ़ एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में तो पूरे सप्ताह स्लीपर श्रेणी में लंबी वेटिंग है।

पर्यटन स्थलों पर अधिक पहुंच रहे सैलानी
ट्रेनों की बहाली होने से टूरिज्म की राह भी एक बार फिर खुली है। काफी समय से घरों में कैद रहने के बाद अब लोग परिवार के साथ पर्यटन स्थलों की तरफ भी रुख कर रहे हैं। नैनीताल, शिमला, मसूरी जैसे पहाड़ी इलाकों में इन दिनों सैलानियों की भीड़ है। यही वजह है कि काफी संख्या में यात्री पहाड़ी क्षेत्रों के नजदीक मौजूद देहरादून और काठगोदाम आदि स्टेशनों तक जाने वाले ट्रेनों में सफर कर रहे हैं। वीकेंड के अलावा भी यात्री अन्य छुट्टियों पर ट्रेन के सफर में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

  • 2500 से 3000 यात्री औसतन जून माह में बरेली जंक्शन पर पहुंच रहे थे
  • 4000 से 4500 यात्रियों की संख्या पहुंची मौजूदा समय में
  • 15000 से 18000 यात्रियों की संख्या आम दिनों में रहती थी