बरेली: जन्म के चंद घंटे के बाद नवजात बच्ची को गन्ने के खेत में फेंका, कीड़े खा गए दोनों पैर

बरेली/दुनका, अमृत विचार। एक निर्दयी मां की वजह से मानवता फिर शर्मसार हो गयी। मां ने चंद घंटे पहले जन्मी नवजात को मरने के लिए अंधेरे में सुनसान स्थान पर गन्ने के खेत में फेंक दिया। रातभर खेत में कीड़ों ने नवजात के दोनों पैरों की एड़ियों को काटकर जख्मी कर दिया। जख्म इतरे गहरे …
बरेली/दुनका, अमृत विचार। एक निर्दयी मां की वजह से मानवता फिर शर्मसार हो गयी। मां ने चंद घंटे पहले जन्मी नवजात को मरने के लिए अंधेरे में सुनसान स्थान पर गन्ने के खेत में फेंक दिया। रातभर खेत में कीड़ों ने नवजात के दोनों पैरों की एड़ियों को काटकर जख्मी कर दिया। जख्म इतरे गहरे हो गए कि हड्डी तक दिखने लगी। सोमवार सुबह गन्ने के खेत की तरफ से ग्रामीण को बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी तो वह मौके पर पहुंचे। जख्मी हालत में खेत में बच्ची देखकर उनके होश उड़ गए। पुलिस ने बच्ची को महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। घटना शाही थाना क्षेत्र की दुनका चौकी के सुल्तानपुर गांव की है।

गांव के ही रहने वाले भगवान दास का गन्ने के खेत के बराबर में मकान है। सुबह भगवान दास व उनके परिवार के लोगों ने बच्चे की रोने की आवाज सुनीं तो वह बेटे के साथ गन्ने के खेत में पहुंचे। वहां देखा तो नवजात बच्ची रो रही थी। खेत में बच्ची मिलने की सूचना पर मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। शाही थाना प्रभारी जसवीर सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।

पुलिस ने बच्ची को शेरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। यहां हालत गंभीर बताकर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस बीच चाइल्ड की टीम भी जिला अस्पताल में पहुंच गई। बच्ची को महिला अस्पताल के एसएनसीयू (सिक न्यूवॉर्न केयर यूनिट) में रखा गया है और दोनों पैरों की सर्जरी की गयी। जहां उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
जन्म के तुरंत बाद फेंका गया था बच्ची को
ग्रामीणों के अनुसार जब बच्ची की रोने की आवाज सुनीं तो खेत में जाकर देखा। एक बच्ची पड़ी थी। उसका नार भी नहीं कटा था, तब गांव की दाई को बुलाकर नवजात का नार कटवाया। इसके बाद उसे नहलवाया और साफ कपड़े पहनाकर उपचार के लिए भेजा।

बच्ची को गोद लेने वालों में मची होड़
गन्ने के खेत में लावारिस बच्ची मिलने की सूचना पर उसे गोद लेने वालों की होड़ लग गई। नौलखा राम, विमलेश, राधिका आदि बच्ची को गोद लेने के लिए प्रयास करने लगी। उसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को बताया कि शासन की प्रक्रिया के बाद ही बच्ची को गोद लिया जाता है। इसके बाद सभी शांत हुए।