मुरादाबाद : 50 करोड़ रुपए लेकर चिट फंड कंपनी हुई फरार, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा

मुरादाबाद : 50 करोड़ रुपए लेकर चिट फंड कंपनी हुई फरार, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में चल रही एक और चिट फंड कंपनी सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई। मोटा मुनाफा और पांच साल में रकम दोगुनी देने का आश्वासन देकर कंपनी स्वामियों ने लोगों का करीब 50 करोड़ रुपया जमा करवा लिया। मोटे मुनाफे के लालच में कंपनी के एजेंट बने लोगों …

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में चल रही एक और चिट फंड कंपनी सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई। मोटा मुनाफा और पांच साल में रकम दोगुनी देने का आश्वासन देकर कंपनी स्वामियों ने लोगों का करीब 50 करोड़ रुपया जमा करवा लिया। मोटे मुनाफे के लालच में कंपनी के एजेंट बने लोगों ने अपने परिचितों की भी रकम जमा करवा दी।

मैच्योरिटी का वक्त पूरा होने के बाद सभी रकम लेकर फरार हो गए। कई दिन तक चक्कर लगाने के बाद एजेंटों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वह सोमवार को भड़क गए। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे एजेंटों ने कंपनी के डायरेक्टर के घर के सामने जमकर हंगामा किया। इस दौरान एक एजेंट बेहोश भी हो गया। माहौल बिगड़ता देख मोहल्ले वालों से सूचना मिलने पर सिविल लाइंस पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मामले की जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया।

-कंपनी के डायरेक्टर के घर पर सैकड़ों लोगों ने किया हंगामा
-बोले, मैच्योरिटी का वक्त पूरा होने के बाद फरार हो गए कंपनी स्वामी
-करीब दो घंटे तक चले हंगामे के कारण रहा अफरा-तफरी का माहौल
-मौके पर पहुंची पुलिस ने रिपोर्ट का आश्वासन देकर मामला कराया शांत

हंगामा सोमवार की दोपहर सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में आशियाना फेस टू पर हुआ। जिले के कई गांवों के ग्रामीण दोपहर को यहां पर रहने वाले अजय यादव के घर के सामने जुटे और हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि अजय यादव ने अपनी पत्नी गीता यादव व बेटे अभिषेक यादव समेत कई लोगों के साथ मिलकर जनहित मैचयुल बेनिफिट निधि लिमिटेड, जनहित प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और जनहित निधि लिमिटेड के नाम से चिटफंड कंपनी खोली थी।

सोनकुपर स्टेडियम के अलावा जिले में कई स्थानों पर कंपनी के कार्यालय खोले थे। हंगामे में शामिल आशियाना फेस टू निवासी नवनीत कुमार ने बताया कि सभी ने बताया कि कंपनी एफडी और आरडी करती है। कंपनी से पालिसी कराने पर पांच साल बाद रकम दोगुनी मिलेगी। इसके अलावा अगर वह कंपनी का एजेंट बनकर किसी दूसरे की पालिसी कराते हैं तो उस पर मोटा मुनाफा दिया जाएगा।

नवनीत के अनुसार उसने खुद व अपने परिचितों का करीब एक करोड़ रुपया लगवा दिया। इसी तरह सैकड़ों लोगों ने खुद के साथ ही अपने मिलने वालों की रकम कंपनी के खातों में जमा करा दी। हंगामा करने वालों का कहना था कि वर्ष 2015 से वह कंपनी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं, अब जब मैच्योरिटी का समय पूरा हुआ तो भी कार्यालय बंद करके फरार हो गए। कई बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो भरोसा दिलाया गया कि जमा हुई रकम से जमीन खरीदी गई है, जिसे बेचकर सभी की रकम अदा कर दी जाएगी। लेकिन लंबा वक्त होने के बाद भी न तो रकम वापस कर रहे हैं और न ही कोई जवाब दे रहे हैं। जिस कारण जिनकी रकम कंपनी में जमा कराई गई थी वह एजेंटों को धमका रहे हैं।

पुलिस ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो बोले हम हैं किराएदार
अजय यादव के घर के सामने हंगामा होने पर कालोनी वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। जिस पर पीआरवी की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। पीआरवी कर्मियों ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा बढ़ता रहा। जिस पर उन्होंने सिविल लाइंस कोतवाल को जानकारी दी। इसके बाद अपराध निरीक्षक गजेंद्र त्यागी व आशियाना चौकी इंचार्ज प्रदीप कुमार भी आ गए। उन्होंने किसी तरह समझाया तो एजेंट घर के मौजूद लोगों को बाहर बुलाने की मांग करने लगे। जिस पर पुलिस कर्मियों ने जब दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो घर के अंदर मौजूद महिलाओं ने यह कहकर दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया कि वह किराएदार हैं। हालांकि पुलिस की सख्ती के बाद उन्होंने दरवाजा खोला और किराएनामा भी दिखाया। हालांकि घर में अजय के परिवार की एक महिला मिली।

कांठ थाने में दर्ज है अजय की गुमशुदगी
घर के बाहर चल रहे हंगामे के बीच जब पुलिस ने संबंधित महिला से पूछताछ की तो उसने अजय यादव के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया। उल्टा उसने यह कहकर पुलिस को चौंका दिया कि अजय कई दिनों से लापता है और उनकी गुमशुदगी कांठ थाने में दर्ज है। महिला ने जो रिपोर्ट दिखाई उसके अनुसार 15 अप्रैल को अजय कांठ थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुर्जर गांव स्थित अपने फार्म हाउस गए थे। देर शाम तक वह कुछ लोगों के साथ वहां पर रुके और फिर रवाना हो गए। महिला के अनुसार काफी खोजबीन करने के बाद भी जब सुराग नहीं लगा तो पत्नी ममता की तहरीर पर 30 अप्रैल को कांठ थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज कर ली गई थी।

रोते-रोते बोला- साहब, तकाजा करने वाले खोल ले गए जानवर
इस हंगामे के बीच एक अभिकर्ता वेदप्रकाश पुलिस से बात करते हुए बेहोश हो गया। यह देखकर पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर फूल गए। किसी तरह होश में लाने के बाद पुलिस वालों ने उससे बात की तो वह रोने लगा। उसका कहना था कि खुद के साथ ही उसने अपने परिचितों का करीब एक करोड़ रुपया कंपनी में लगाया था। कंपनी के फरार होने के बाद उसके परिचित रकम वापस करने का दवाब डाल रहे हैं। आलम यह है कि तकाजा करने वाले उसके घर में बंधे जानवर तक खोल ले गए हैं।

सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी सहंसवीर सिंह ने कहा कि हंगामे की सूचना मिलने पर फोर्स को भेजा गया था। चिट फंड कंपनी के फरार होने का मामला सामने आया है। मामले की जांच कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

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